प्रसवपूर्व व्यायाम

(Content revised 02/2013)

I. प्रसवपूर्व व्यायाम के उद्देश्य

प्रसवपूर्व व्यायाम का उद्देश्य कमर के निचले हिस्से में दर्द निवारण और जोड़ों को तानते हुए तथा माँसपेशियों को मजबूत बनाते हुए डिलिवरी के लिए शारीरिक और मानसिक तैयारी बढ़ाना है।

II. प्रसवपूर्व व्यायाम के लिए दिशा-निर्देश

  • सुचारू रूप से साँस लें, अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे काम करें।
  • दिन में दो या तीन बार व्यायाम करें और हर सत्र में प्रत्येक क्रिया के सेट को दस बार दोहराएँ।
  • प्रसवपूर्व व्यायाम तब शुरू किया जा सकता है जब गर्भावस्था 16 से 20 सप्ताह तक पहुँचे।
  • फ़िज़ियोथेरेपिस्ट आपकी शारीरिक स्थिति के अनुसार व्यायाम में संशोधन कर सकते हैं।

नोट: यह पत्रक प्रसवपूर्व व्यायाम का केवल संक्षिप्त परिचय है।

III. प्रसवपूर्व व्यायाम के प्रकार

  1. श्रोणि तल व्यायाम

    • कुर्सी पर अपनी पीठ को पीछे टिका कर बैठें।
    • योनि, मूत्रमार्ग और गुदा की माँसपेशियों को कसें मानो पेशाब या शौच रोकने की कोशिश की जा रही हो। इस व्यायाम को आप खड़े रह कर भी कर सकते हैं।

    श्रोणि तल व्यायाम, श्रोणि तल की माँसपेशियों का नियंत्रण और सहारा बढ़ाता है। यह आपको प्रसव की तैयारी में मदद करता है और गर्भाशय का आगे बढ़ना, मूत्र असंयम और बवासीर को रोकता है।

  2. पीठ और पेट के व्यायाम

    • कुर्सी पर अपनी पीठ को पीछे टिका कर बैठें।
    • स्वाभाविक रूप से साँस लें।
    • पेट को कसें और फिर सीट के पिछले हिस्से में अपने कमर के निचले भाग को समतल करने के लिए श्रोणि को नीचे की ओर दबाएँ। 5 सेकंड तक इसी स्थिति में बने रहें, और फिर ढीला छोड़ें।

    यह व्यायाम आपको कमर के निचले हिस्से और श्रोणि की मुद्रा को सुधारने में मदद करता है। यह आपके पेट की माँसपेशियों को मजबूत बनाता है और पीठ दर्द से बचाता है।

    नोट: दैनिक गतिविधियों में अच्छी मुद्रा का अभ्यास करें।

  3. टखने का व्यायाम

    • कुर्सी पर अपनी पीठ को पीछे टिका कर बैठें।
    • एक टखने से शुरूआत करें तथा पैर को ऊपर और नीचे घुमाएँ। प्रत्येक ऊपर-और-नीचे का चलन एक बार के रूप में गिना जाता है। दस बार दोहराएँ।
    • टखने को अंदरूनी और बाहरी चक्र बनाते हुए घुमाएँ। प्रत्येक चक्रीय क्रिया को एक बार के रूप में गिना जाता है। दस बार दोहराएँ।
    • दूसरे टखने से इन्हीं चरणों को दोहराएँ।
    • टखने का व्यायाम पैर की सूजन और वैरिकाज़ नस को कम करने में मदद करता है, इस प्रकार पैर में ऐंठन की समस्या कम होती है।
  4. निचले अंगों को आराम पहुँचाने वाला व्यायाम

    • यह व्यायाम भीतरी जाँघों और कमर की माँसपेशियों का लचीलापन और उसकी शक्ति को बढ़ाता है। यह आपको डिलीवरी की मुद्रा का आदी बनाता है और प्रसव के दौरान जाँघ के ऐंठन को रोकने में मदद करता है।
    • दीवार से सटी स्थिर कुर्सी पर बैठें और अपनी जाँघों को बग़ल की दिशा में फैलाएँ। 5 सेकंड तक इसी स्थिति में बने रहें और फिर ढीला छोड़ें।
      नोट:
    1. यह तंग जाँघों वाली गर्भवती महिलाओं के लिए उपयुक्त है।
    2. जाँघों को विपरीत दिशा में न खींचे।
    3. कृपया ध्यान दें कि यह व्यायाम जघन हड्डियों में दर्द से पीड़ित महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है।
  5. श्वास व्यायाम

    • प्रसव के दौरान दर्द से राहत के लिए साँस लेने की तकनीक। साँस अंदर लेने पहले साँस बाहर छोड़ने का सुझाव दिया जाता है।
      1. उदर श्वसन
        • हल्के दर्द के लिए उपयुक्त है।
        • नाक से साँस लें और पेट को फैलता हुआ महसूस करें। फिर मुँह के ज़रिए साँस बाहर छोड़ें।
      2. निचली पसली से श्वसन
        • मध्यम दर्द के लिए उपयुक्त है।
        • अपने हाथ निचली पसलियों के पंजर पर रखें। नाक से साँस लें और अपने सीने में फैलाव महसूस करें। फिर हल्के से मुँह के जरिए साँस बाहर छोड़ें।
      3. अग्रस्थ श्वसन
        • गंभीर दर्द के लिए उपयुक्त
        • अपना मुँह थोड़ा खुला रखते हुए हँसुली के नीचे अपने हाथों को क्रॉस करें। नाक और मुँह से साँस लें। हल्के से साँस कुछ इस प्रकार बाहर छोड़ें मानो बिना बुझाए मोमबत्ती की लौ को फड़फड़ाने की कोशिश कर रहे हों, और ऊपरी फेफड़ों को थोड़ा ऊपर और नीचे गतिशील होते हुए महसूस करें।

        * संकुचन के दौरान, सुस्ताने की कोशिश करें और अपने श्वास पर नियंत्रण रखें।

        * संकुचन के बीच सबसे आरामदायक स्थिति में आपके द्वारा जितना संभव हो सके उतना आराम करने और

सुस्ताने की कोशिश करें।

दैनिक जीवन में ध्यान देने वाली बातें

  • जब आप कोई वस्तु उठाएँ, तो अपनी जाँघ की माँसपेशियों के बल पर अपने घुटने मोड़ें और पेट की माँसपेशियों को कसते हुए अपने कमर के निचले हिस्से को सीधा रखें, और फिर चीज़ उठाने के लिए अपने घुटने के जोड़ों को सीधा करें।
  • बिस्तर में उठने के लिए, बिस्तर के किनारे को दोनों पैरों से अंदर की ओर मोड़ते हुए एक तरफ़ पलटें, और फिर दोनों हाथ सीधे करते हुए अपने शरीर को धक्का दें।
  • बैठते या खड़े रहते समय, अपने पेट को कसें और अपनी पीठ को सीधा रखें।

आपको फ़िज़ियोथेरेपी विभाग द्वारा आयोजित प्रसवपूर्व व्यायाम कक्षा में शामिल होने की सलाह दी जाती है।

(यह पत्रक स्वास्थ्य विभाग और हांगकांग फ़िज़ियोथेरेपी एसोसिएशन द्वारा तैयार किया गया है)