गर्भनाल की देखभाल

(HTML कंटेंट संशोधित 06/2020)
  1. गर्भनाल आमतौर पर जन्म के 5 से 10 दिनों के बीच अलग हो जाती है। लेकिन कुछ शिशुओं में इसे अलग होने में तीन सप्ताह या उससे अधिक का समय लग सकता है।
  2. गर्भनाल को साफ और सूखा रखें। जब भी आप गर्भनाल की जड़ पर थोड़े तरल को देखते हैं (यानी नाल और पेट की दीवार के बीच की जगह), उदाहरण के लिए, स्नान करने या नैपी बदलने के बाद, तो आपको इसे साफ करना होगा।
  3. गर्भनाल की सफाई कैसे करें:
    गर्भनाल की जड़ को साफ करने के लिए उबाल कर ठंडे किए पानी* से भीगी रूई का उपयोग करें। हर बार पोंछने के लिए नई रूई का उपयोग करें, जब तक कि नाल का निचला हिस्सा पूरी तरह से साफ न हो जाए तब तक पोंछते रहें। अंत में, बाकी नाल साफ करें। रक्तस्राव से बचने के लिए नाल को धीरे से साफ करना याद रखें।

    *सबूत बताते हैं कि गर्भनाल की जड़ को साफ करने में ठंडा उबला हुआ पानी या एंटीसेप्टिक्स का उपयोग करते समय संक्रमण की संभावना होने में कोई अंतर नहीं होता। यदि अल्कोहल का उपयोग किया जाता है, तो इससे नाल को अलग होने में देरी भी हो सकती है।

  4. नैपी को बहुत कसकर न लपेटें और उसे नाल के नीचे रखें। इससे नाल को सूखा रखने में मदद मिल सकती है और नैपी नाल से रगड़ती नहीं है, जिससे रक्तस्राव हो सकता है।
  5. नाल को ढंकने के लिए किसी भी ड्रेसिंग का उपयोग न करें या उस पर कोई भी दवाई जैसे तेल, मलहम, कॉर्ड-पाउडर या बैंड-एड इत्यादि न लगाएं।
  6. जिस समय नाल गिरती है, उसके आस-पास आप लंगोट पर खून की कुछ बूंद देख सकती हैं, यह सामान्य है। पूरी तरह से सूखने तक नियमित रूप से उबाल कर ठंडे किए पानी से नाभि को साफ करना जारी रखें। घाव 2-3 दिनों के भीतर ठीक हो जाएगा और तरल निकलना कम हो जाएगा।
  7. यदि आप निम्नलिखित समस्याएं देखते हैं, तो कृपया अपने शिशु को MCHC या जनरल बाह्य रोगी क्लिनिक / पारिवारिक डॉक्टर के पास ले जाएं:
    • ऐसे संकेत दिखते हैं कि नाल में संक्रमण हो गया है, जैसे कि नाल की जड़ के चारों ओर त्वचा का रंग लाल हो गया है, खराब बू आती है या मवाद इकट्ठा हो गया है;
    • गर्भनाल गिरने के बाद नाभि पर गांठ बन जाती है;
    • जब शिशु रोता है तो गर्भनाल और नाभि बाहर की ओर उठ जाती हैं।
  8. यदि गर्भनाल से गंभीर रक्तस्राव हो रहा है, तो कृपया अपने शिशु को आपातकालीन विभाग में लाएं, ताकि चिकित्सा कर्मचारी रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकें और रक्तस्राव के कारण का पता लगा सकें।