बोतल से दूध पिलाने का गाइड

(विषय संशोधित 12/2019)

शिशु को इन्फेंट फॉर्मूला के साथ खिलाने पर विचार करना

यदि किसी कारण से, माता-पिता स्तनपान नहीं करवा सकते हैं या उन्होंने अपने शिशु को स्तनपान न कराने का फैसला किया है, तो वे उसके जीवन के पहले कुछ महीने ही इन्फेंट फॉर्मूला दे सकते हैं।

माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि एक बार शिशु को इन्फेंट फार्मूला खिलाने के बाद, मां के स्तन से कम दूध उत्पन्न होगा। मां का स्तनपान कराने का इरादा भी कमजोर हो सकता है।

इन्फेंट फॉर्मूला महंगा होता है। माता-पिता को पहले वर्ष में इन्फेंट फार्मूले पर काफी पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं (उदाहरण के लिए, 900 ग्राम इन्फेंट फार्मूले की एक कैन की कीमत $250 है और एक शिशु महीने में 3 से 4 कैन तक खाता है। इसके लिए माता-पिता का पहले साल का खर्च $9,000 से $12,000 होगा)

इन्फेंट फॉर्मूला दो रूपों में उपलब्ध है: व्यावसायिक रूप से जीवाणुरहित रेडी-टू-फीड लिक्विड फॉर्मूला और पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला। पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला जीवाणुरहित उत्पाद नहीं होता। फॉर्मूला दूध को सुरक्षित तरीके से तैयार करना और अच्छी तरह से जीवाणुरहित किए गए फिडिंग उपकरणों का उपयोग बच्चे को संक्रमण होने के जोखिम से बचाने के लिए आवश्यक है।

स्तन का दूध बच्चे के प्राकृतिक भोजन से बढ़कर है...

स्तन का दूध शिशु के बढ़ने और उसके विकास के लिए पोषक तत्वों का आदर्श स्रोत है। इसमें मां से एंटीबॉडी और जीवित प्रतिरक्षा कोशिकाएं, एंजाइम और अन्य मूल्यवान पदार्थ मिलते हैं, जिन्हें इन्फेंट फॉर्मूला से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। ये तत्व बच्चे की प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं और छाती में संक्रमण या दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम करते हैं। स्तन का दूध पोषक तत्वों को पचाने और उनके अवशोषण में भी मदद करता है।

स्तनपान सुविधाजनक है, समय बचाता है, पैसे की बचत करता है और पर्यावरण के अनुकूल है। यह मां और शिशु के बीच संबंध को प्रगाढ़ करता है और शिशु को सुरक्षित महसूस कराता है। स्तनपान से माताओं को भी लाभ होता है। स्तनपान कराने वाली माताओं में प्रसव के बाद एनीमिया और भारी रक्तस्राव की संभावना कम होती है। यह कैलोरी को जलाता है और गर्भाशय को सामान्य आकार में लाने में मदद करता है, इसलिए स्तनपान कराने वाली माताएं अधिक तेज़ी से आकार में वापस आती हैं। स्तनपान माताओं को गर्भाशय और स्तन के कैंसर से भी बचाता है।

विषय सूची

इन्फेंट फॉर्मूला क्या है?

  • अधिकांश इन्फेंट फार्मूले गाय के दूध से बने होते हैं जिनको शिशुओं के लिए उपयुक्त बनाने के लिए उपचारित किया जाता है। बकरी के दूध या सोया प्रोटीन से बने इन्फेंट फॉर्मूला भी होते हैं।
  • इन्फेंट फॉर्मूला की पोषण संबंधी रचनाओं को कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन के मानकों को पूरा करना चाहिए, और जीवन के पहले महीनों के दौरान से लेकर उपयुक्त पूरक आहार की शुरुआत के समय तक शिशुओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को अपने आप में पूरा करना चाहिए।1

उचित इन्फेंट फॉर्मूला कैसे चुनें?

  • गाय के दूध पर आधारित इन्फेंट फॉर्मूला, जिन्हें अक्सर "स्टेज 1 इन्फेंट फॉर्मूला" कहा जाता है, जन्म से स्वस्थ शिशुओं के लिए सही होते हैं।
  • सोया आधारित इन्फेंट फॉर्मूला का उपयोग तब किया जा सकता है जब बच्चे को गैलेक्टोसेमिया हो या जब वह सांस्कृतिक या धार्मिक कारणों से गाय के दूध से बने फार्मूले नहीं ले सकता हो।
  • इन्फेंट फॉर्मूला की पोषक संरचना समान होती है। आप बाजार की आपूर्ति या व्यक्तिगत पसंद के अनुसार अपना निर्णय ले सकते हैं। यदि आवश्यक हो, तो आप सलाह के लिए अपने डॉक्टर या नर्स से पूछ सकते हैं। सामान्य तौर पर, ब्रांड बदलने से शिशु के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता है।
  • समय से पहले जन्मे और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले शिशुओं में बैक्टीरिया के संक्रमण की संभावना अधिक होती है। यदि संभव हो तो, जीवाणुरहित रेडी-टू-फीड लिक्विड इन्फेंट फॉर्मूला चुना जाना चाहिए।2

जब तक डॉक्टर द्वारा सलाह नहीं दी जाती है, 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं को केवल इन्फेंट फॉर्मूला दिया जाना चाहिए।

6 महीने के बाद, वे इन्फेंट फॉर्मूला लेना जारी रख सकते हैं। 12 महीने की उम्र के बाद, वे पूर्ण वसा वाला गाय का दूध पीना शुरू कर सकते हैं।

1हांग कांग में बेचे जाने वाले इन्फेंट फॉर्मूला की पोषण संबंधी संरचना विधायी विनियमन के तहत है। इस पर ऊर्जा और पोषक तत्वों की सामग्री को दिखाने वाला पोषण लेबल लगा होना चाहिए। विवरण के लिए खाद्य सुरक्षा केंद्र के वेब पेज पर जाएं।

2खाद्य सुरक्षा केंद्र, खाद्य और पर्यावरण स्वच्छता विभाग। खाद्य सुरक्षा फोकस (28वां अंक, नवंबर 2008)।

प्र. क्या कोई इन्फेंट फॉर्मूला है जिससे बच्चे को एलर्जी होने का जोखिम कम होता है?

  • स्तनपान शिशुओं को एलर्जी होने से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।
  • किसी भी इन्फेंट फॉर्मूला उत्पाद ने स्वस्थ शिशुओं को एलर्जी होने से बचाने में महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं दिखाया है। यदि परिवार का कोई सदस्य एलर्जी से पीड़ित है, तो अपने बच्चे को स्तनपान कराना सबसे बेहतर है। यदि आप अपने शिशु को इन्फेंट फॉर्मूला खिलाने पर विचार करती हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।

प्र. गाय के दूध से एलर्जी वाले शिशुओं के लिए इन्फेंट फॉर्मूला के विकल्प क्या हैं?

  • यदि आपको चिंता है कि आपके शिशु को गाय के दूध से एलर्जी है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। वे शिशु जिनको गाय के दूध के प्रोटीन से एलर्जी होने का पता चलता है, उनके लिए डॉक्टर स्पेशल फॉर्मूला 3, लिख सकते हैं, जैसे कि अत्यधिक हाइड्रोलाइज्ड फॉर्मूला और एमिनो एसिड फॉर्मूला। उत्पादों को पसंद करते समय डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
  • गाय के दूध से एलर्जी वाले शिशुओं के लिए सोया आधारित फार्मूले या बकरी के दूध के फार्मूले उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि इन शिशुओं को सोया या बकरी के दूध से भी एलर्जी हो सकती है।

3"स्पेशल फॉर्मूला" का मतलब है शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए विशेष चिकित्सा उद्देश्यों का फॉर्मूला।

प्र. मेरा शिशु सख्त मल करता है। क्या इसका कारण इन्फेंट फॉर्मूला है?

  • सामान्य तौर पर कहें तो, शिशुओं में छह महीने की उम्र में कब्ज होना सामान्य नहीं है। हालांकि, कब्ज अस्थायी रूप से तब हो सकती है जब वे स्तन के दूध को छोड़कर इन्फेंट फॉर्मूला लेना शुरू करते हैं या फॉर्मूला का नया ब्रांड लेना शुरू करते हैं। इसके अलावा, यदि इन्फेंट फॉर्मूला सही तरीके से तैयार नहीं किया जाता है और कम पानी डाला जाता है, तो शिशुओं को कब्ज हो सकती है। फार्मूले के पैकेज पर दिए गए निर्देशों को देखें। सुनिश्चित करें कि भोजन बनाने में पानी और पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला का सही मात्रा में उपयोग किया जाता है। हमेशा पानी को पहले फीडिंग बोतल में डालें और फिर फॉर्मूला पाउडर डालें। यदि आवश्यक हो, तो आप अपने बच्चे को भोजन के बीच में थोड़ी मात्रा में पानी दे सकते हैं।

प्र. मैं अपने शिशु को इन्फेंट फॉर्मूला के किसी अन्य ब्रांड पर बदलने में कैसे मदद करूं?

  • इन्फेंट फॉर्मूला ब्रांडों को कैसे बदला जाए, इसके बारे में कोई विशिष्ट नियम नहीं है। यदि आपका शिशु नए स्वाद को काफी आसानी से स्वीकार कर लेता है, तो माता-पिता तुरंत नए ब्रांड को देना शुरू कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, आप धीरे-धीरे नए ब्रांड की भोजन की संख्या बढ़ा सकते हैं।
  • मिल्क पाउडर और पानी का अनुपात विभिन्न ब्रांडों के साथ भिन्न होता है। एक भोजन तैयार करते समय आपको दो या दो से अधिक ब्रांड के मिल्क पाउडर को नहीं मिलाना चाहिए।
  • फॉर्मूला ब्रांड को बदलने पर, आप अपने शिशु के मल में बदलाव देख सकते हैं। यह आमतौर पर विभिन्न ब्रांडों के बीच सामग्री की संरचना में सूक्ष्म अंतर के कारण होता है और इससे शिशु का स्वास्थ्य प्रभावित नहीं होता है।

<फॉलो-ऑन फॉर्मूला> 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए सही नहीं है

फॉलो-ऑन फॉर्मूला (जो "स्टेज 2" या "स्टेज 3 फॉर्मूला” है) में बहुत अधिक प्रोटीन होता है। अतिरिक्त प्रोटीन से नवजात शिशुओं के कम विकसित गुर्दे को ज्यादा काम करना पड़ सकता है और इससे शुष्कता, दस्त हो सकते हैं या मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है।

एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं को दूध से इन प्रकारों से बचाना चाहिए:

  • बकरी का दूध
  • सोया दूध
  • वाष्पीकृत दूध
  • संघनित दूध (कंडेस्ड मिल्क)
  • पूर्ण वसा वाला दूध या कम वसा वाला दूध

बोतल से दूध पिलाने के लिए कौन सा उपकरण चाहिए?

  • जीवाणुरहित बनाने के उपकरण (जैसे कि एक बड़ा बर्तन, बिजली या माइक्रोवेव स्टीम स्टरलाइज़र)
  • उचित आकार और सामग्री की दूध पिलाने की बोतलें और निप्पल
  • बोतल का ब्रश और निप्पल का ब्रश
  • दूध पिलाने की बोतलों और निप्पल को जीवाणुरहित करने के बाद पकड़ने के लिए चिमटा

दूध पिलाने की बोतल और निप्पल कैसे चुनें?

दूध पिलाने की बोतलें चुनना

  • कांच की बोतलों या बिस्फीनॉल ए (बीपीए) मुक्त प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करें।
  • बोतलों पर सजावट और चिह्नों के रंग आसानी से उतरने नहीं चाहिए और हानिरहित होने चाहिए।
  • बोतलें साफ होनी चाहिए और उसके साइड में निशान आसानी से पढ़ी जा सकने वाली होनी चाहिए। बोतलों का आंतरिक भाग आसानी से दिखाई देना चाहिए।
  • उन्हें साफ करना आसान होना चाहिए।
  • बोतल का आकार उचित होना चाहिए।

निप्पल चुनना

  • शिशु की आयु के अनुसार निप्पल का आकार उचित होना चाहिए।
  • निप्पल के आकार और सामग्री से आम तौर पर दूध पिलाने में अंतर नहीं आता है। लैटेक्स के निप्पल नरम और लचीले होते हैं। सिलिकॉन के निप्पल अधिक टिकाऊ होते हैं और लंबे समय तक आकार में बने रह सकते हैं।
  • निपप्ल का छेद उचित आकार का होना चाहिए जिससे कि बोतल के झुकते ही दूध लगभग एक बूंद प्रति सेकंड की दर से टपके। यदि छेद बहुत छोटा होगा, तो शिशु चूसने से थक सकता है। यदि यह बहुत बड़ा है, तो बच्चे का गला घुट सकता है क्योंकि फॉर्मूला बहुत तेजी से निकलेगा।
  • उन बोतलों और निप्पल का उपयोग करें जो सुरक्षा मानकों (जैसे यूरोपीय मानक EN 14350) का अनुपालन करते हैं। जांचें कि बोतलें बिस्फीनॉल ए (बीपीए) मुक्त हैं या नहीं।
  • जब निशान धुंधले हों जाएं तो बोतलों को बदल दें।
  • टूटी-फूटी या क्षतिग्रस्त बोतलों और निप्पल को फेंक दें।

दूध पिलाने के उपकरण को साफ, कीटाणुरहित कैसे करें और रखें?

स्तन के दूध या इन्फेंट फॉर्मूला के लिए दूध पिलाने के सभी उपकरणों को अच्छी तरह से धोया जाना चाहिए और कीटाणुरहित बनाया जाना चाहिए। इनमें दूध पिलाने वाली बोतलें, निप्पल, बोतल के कवर, रिंग और अन्य सामान जैसे चिमटे और चाकू शामिल हैं।

  1. दूध पिलाने के उपकरण कैसे साफ करें
    • दूध पिलाने के उपकरण साफ करने से पहले, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। काम करने की जगह को साबुन मिले गर्म पानी से साफ करें।
    • बोतल के साफ ब्रश का उपयोग करके दूध पिलाने के तुरंत बाद साबुन के गर्म पानी में बोतलें, निप्पल और चिमटे धो दें। सुनिश्चित करें कि अंदर दूध बचा न रहे। फिर बहते पानी में उपकरणों को अच्छी तरह से धोएं।

    बैक्टीरिया दरारों में आसानी से पनपते हैं। बोतल और निप्पल को धोते समय ध्यान से देखें। क्षतिग्रस्त चीजों को फेंक दें।

  2. दूध पिलाने के उपकरणों को कीटाणुरहित करना

    आप दूध पिलाने के उपकरणों को कीटाणुरहित करने के लिए निम्न तरीकों में से कोई भी चुन सकते हैं:

    1. उबाल कर कीटाणुरहित करना
      • सुनिश्चित करें कि उपकरण उबाला जा सकता है।
      • साफ किए गए उपकरणों को एक बड़े बर्तन में डालें। सभी वस्तुओं को पानी से भर दें और सुनिश्चित करें कि हवा का कोई बुलबुला अंदर न रहे।
      • बर्तन पर ढक्कन लगाएं। दूध पिलाने के उपकरणों को 10 मिनट के लिए उबालें। फिर आंच को बंद करें और पानी को ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
      • बर्तन को तब तक ढक कर रखें जब तक कि उपकरणों की आवश्यकता न हो।*
    2. इलेक्ट्रिक या माइक्रोवेव स्टरलाइज़र का उपयोग करके भाप से कीटाणुरहित करना
      • निर्माता के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें।
      • यह सुनिश्चित करें कि बोतलों और निप्पल के मुंह स्टरलाइज़र में नीचे की तरफ हों।
      • दूध पिलाने के उपकरण तभी निकालें जब आप भोजन तैयार करने जा रहे हों।
      • यदि स्टरलाइज़र खोला गया है, तो सामग्री को फिर से कीटाणुरहित करना पड़ेगा।*
    3. कीटाणुरहित करने के रासायनिक घोल का उपयोग करना
      • कीटाणुरहित करने और कीटाणुरहित करने के घोल को बदलने के लिए निर्माता के निर्देशों का पालन करें। अधिकांश उत्पादों के लिए, घोल को हर 24 घंटे में बदल दें।
      • दूध पिलाने के उपकरणों को कीटाणुरहित करने के घोल में डालें। सुनिश्चित करें कि बोतलों और निपल के अंदर हवा के बुलबुले फंसे नहीं हैं। सभी वस्तुओं को कीटाणुरहित करने के घोल में रखने के लिए उपकरणों के ऊपर तैरता कवर रखें।
      • कीटाणुरहित करने के घोल में सभी वस्तुओं को कम से कम 30 मिनट के लिए छोड़ दें।

      *यदि उपकरणों को जरूरत से पहले ही स्टरलाइज़र से निकाल दिया जाता है, तो कृपया 'दूध पिलाने के कीटाणुरहित किए गए उपकरणों को रखना' को देखें

  3. दूध पिलाने के कीटाणुरहित किए गए उपकरणों को रखना
    • फिर से संक्रमित होने को रोकने के लिए, आवश्यकता होने पर ही दूध पिलाने के उपकरणों को निकालना सबसे बेहतर है।
    • स्टरलाइज़र से उपकरण निकालने से पहले, अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धो लें और फिर उन्हें साफ तौलिए के साथ सूखाएं। (कृपया “हाथ की स्वच्छता --- संक्रमण को रोकने का आसान और प्रभावी तरीका” को देखें।)
    • यदि कीटाणुरहित की गई दूध पिलाने की बोतलों और अन्य उपकरणों को सीधे ही उपयोग नहीं किया जाता है, तो उन्हें कीटाणुरहित चिमटे से निकाल दें और निप्पल और ढक्कन को वापस बोतलों पर लगा दें। सारी चीजों को साफ और ढक्कन वाले बर्तन में रखें।

इन्फेंट फॉर्मूला भोजन को सुरक्षित रूप से कैसे तैयार करें?

इन चरणों का पालन करें:

  1. पानी उबालें

    नल का ताजा पानी या आसुत जल उबालें। यदि आप इलेक्ट्रिक केतली का उपयोग करते हैं, तो केतली की बिजली की आपूर्ति बंद होने तक पानी को उबाला जाना चाहिए।

  2. भोजन तैयार करने की जगह को साफ करें और अपने हाथों को धो लें

    उस जगह को साफ और कीटाणुरहित करें जहां पर आप इन्फेंट फॉर्मूला भोजन बनाने जा रहे हैं। अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं और उन्हें एक साफ तौलिए या टिशू पेपर से सुखाएं।

  3. कीटाणुरहित बोतल को बाहर निकालें

    कीटाणुरहित बोतल उठाएं और बोतल और निप्पल के पानी को झटक कर निकाल दें। यदि बोतल को स्टरलाइज़िंग घोल से निकाला जाता है, तो अतिरिक्त घोल को निकाल दें और केतली में उबाले हुए पानी से धोएं।

    बोतलबंद पानी

    • मिनरल वाटर में नमक का स्तर अधिक होता है। शिशुओं को खिलाने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
    • यदि बोतलबंद आसुत जल का उपयोग किया जाता है, तो इन्फेंट फॉर्मूला भोजन बनाने से पहले इसे उबाल लें।

इन्फेंट फॉर्मूला के पैकेज पर दिए गए निर्देशों को पढ़ें। पानी और मिल्क पाउडर की मात्रा को सटीक रूप से मापें।

फॉर्मूला भोजन बनाने के लिए 70 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान के पानी का उपयोग न करें। जब भी आपके बच्चे को भोजन की जरूरत हो, फॉर्मूला की नई बोतल तैयार करें। ये आदत आपके बच्चे में संक्रमण होने के जोखिम को कम करने में मदद करती हैं।

  1. भोजन की बोतल को गर्म पानी की सही मात्रा के साथ भरें

    कीटाणुरहित बोतल में गर्म पानी को सही मात्रा में डालें। पानी 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक ठंडा नहीं होना चाहिए। आमतौर पर, पानी उबालने के बाद 30 मिनट के अंदर 70 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान पर रहेगा।

  2. पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला सही मात्रा में मिलाएं

    पैकेज या प्रदान किए गए स्कूप के साथ फॉर्मूला पाउडर को मापें। फॉर्मूला पाउडर के साथ स्कूप को भरें। फिर चाकू से किनारे को समतल करें।

    हर बार फॉर्मूला पाउडर के एक लेवल स्कूप को मापें। पैकेज पर दिए निर्देशों के अनुसार पानी से भरी बोतल में पाउडर फॉर्मूला सटीक मात्रा में मिलाएं।

    मुख्य तथ्य

    इन्फेंट फॉर्मूला भोजन को ऐसे गर्म पानी के साथ बनाएं जिसका तापमान 70 डिग्री सेल्सियस से कम न हो। यह उन हानिकारक बैक्टीरिया को मारता है जो पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला में मौजूद हो सकते हैं।4

    4संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से विश्व स्वास्थ्य संगठन। 2007। पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला को सुरक्षित रूप से तैयार करना, भंडारण और संभालना: दिशा-निर्देश। विश्व स्वास्थ्य संगठन।

  3. बोतल को धीरे-धीरे हिलाएं

    बोतल पर निप्पल, ढक्कन और अन्य सहायक यंत्र लगाएं। पाउडर को घुलने तक हिलाएं/घुमाएं।

  4. भोजन को ठंडा करें

    नल के पानी के नीचे बोतल को पकड़कर या बोतल को ठंडे पानी के कंटेनर में डालकर भोजन को उचित तापमान तक ठंडा करें। सुनिश्चित करें कि ठंडा पानी ढक्कन के नीचे रहता है और निप्पल को छूता नहीं हो।

  5. तापमान की जांच करें

    बच्चे के मुंह को जलने से बचाने के लिए, खिलाने से पहले फॉर्मूला भोजन के तापमान की अपनी कलाई के अंदरूनी हिस्से पर जांच करें। भोजन के गुनगुना होने तक ठंडा करते रहें।

    मुख्य तथ्य

    संक्रमण होने के जोखिम को कम करने के लिए तैयार किए गए फॉर्मूला भोजन को 2 घंटे के अंदर खिला दें।

तैयार इन्फेंट फॉर्मूला भोजन को कैसे रखें?

  • जब भी आपके बच्चे को चाहिए हर बार ताजा भोजन बनाना और उसका तुरंत सेवन करना सबसे बेहतर है।
  • यदि आप भोजन को पहले ही बनाना चाहते हैं, तो तैयार होने के तुरंत बाद भोजन को ठंडा करें और फ्रिज में 4 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे के तापमान पर रखें।
  • यदि भोजन को 24 घंटे के अंदर उपयोग नहीं किया जाता है, तो फ्रीज में रखे भोजन को फेंक दें।

भोजन को दोबारा गर्म कैसे करें?

  • फ्रीज में रखे भोजन को 15 मिनट से अधिक गर्म न करें। गर्म पानी के कंटेनर में बोतल रखकर भोजन को फिर से गर्म करें। सुनिश्चित करें कि पानी का स्तर ढक्कन या निपल को न छुए। दूध को समान रूप से गर्म करने के लिए बीच-बीच में बोतल को घुमाते रहें।
  • यदि आप बोतल वार्मर का उपयोग करते हैं तो निर्माता के निर्देशों का पालन करें।
  • बचे हुए भोजन को कभी भी दोबारा गर्म न करें।

मुख्य तथ्य

  • एक फॉर्मूला भोजन को फिर से गर्म करने के 2 घंटे के अंदर सेवन कर लिया जाना चाहिए। अगर उस समय के अंदर इसका सेवन नहीं किया जाता है तो इसे फेंक दें।
  • फ्रिज में रखे फॉर्मूला भोजन को फिर से गर्म करने के लिए माइक्रोवेव ओवन का उपयोग कभी न करें। माइक्रोवेव, भोजन को असमान रूप से गर्म करता है। इससे बच्चे का मुंह जल सकता है।

प्र. मैं घर से बाहर फॉर्मूला भोजन कैसे तैयार करूं?

  • यदि आपको अपने शिशु को घर से बाहर खिलाने की आवश्यकता है, तो आप कीटाणुरहित रेडी-टू-फीड लिक्विड इन्फेंट फॉर्मूला चुन सकते हैं। यदि आप घर से बाहर पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला के साथ भोजन बनाना चाहते हैं, तो प्रक्रियाओं पर विशेष ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि दूध पिलाने के सभी उपकरण कीटाणुरहित हैं।
  • चूंकि कीटाणुरहित करने के लिए समय चाहिए होता है, इसलिए माता-पिता को दूध पिलाने की कीटाणुरहित बोतल और बर्तन को पहले से ही तैयार करने की सलाह दी जाती है। बाहर जाने से पहले, पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला को एक सूखे बर्तन में रखें। उसी समय उबाले गए पानी को एक वैक्यूम फ्लास्क में डालें और ढक्कन को कसकर बंद कर दें। इससे फॉर्मूला भोजन बनाने के लिए पानी का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर रखने में मदद मिलती है।

प्र. क्या बाहर जाने से पहले फॉर्मूला फीड तैयार करना ठीक है?

  • आपके शिशु को हर बार ताजा तैयार किया गया भोजन देना सबसे सुरक्षित है। जब भी आपके शिशु को ज़रूरत हो ताजा भोजन बनाएं। यदि आपको पहले से तैयार भोजन साथ रखना है, तो भोजन को बनाने के तुरंत बाद ठंडा करें और इसे 4 डिग्री सेल्सियस या नीचे के तापमान पर फ्रीज में रखें। घर छोड़ने से कुछ समय पहले, तैयार भोजन को डिलीवरी वाले आइस पैक के साथ एक ठंडे बैग में रखें। याद रखें फ्रिज से निकाला गया फॉर्मूला दो घंटे के भीतर इस्तेमाल कर लिया जाना चाहिए।

मुझे अपने शिशु को कब खिलाना चाहिए?

शिशु भूख लगने और पेट भरने के संकेत देते हैं चाहे उनको स्तनपान करवाया जाए या उनको बोतल से खिलाया जाए।

  • भूख लगने पर, आपका शिशु भोजन को खोजने का बर्ताव करेगा।
  • जब आप भूख लगने के इन शुरुआती संकेतों को देखते हैं तो अपने शिशु को दूध पिलाएं:
    • उठता है और हिलता है
    • होंठों को चाटता है
    • खुले मुंह से तलाश करने के लिए अपना सिर इधर-उधर घुमाता है
    • अपना हाथ या मुट्ठी चूसता है
  • रोना और उपद्रव करना आमतौर पर काफी देर से भूखा रहने के संकेत हैं। उस समय तक शिशु "बेहद भूखे" हो चुके होते हैं। हालांकि, शिशु अन्य कारणों से भी रो सकता है।
  • दूध पिलाने का समय आपके और आपके शिशु के लिए प्रगाढ़ रूप से जुड़ने का रिश्ता है। दूध पिलाने के दौरान अपने शिशु को अपनी त्वचा से सटाकर रखें। इससे वह शांत, सुरक्षित और गर्म महसूस करता है।
  • जब आप खुद बच्चे को खिलाने में असमर्थ हों, तो उसे छाती से लगाने का समय निकालें और अन्य दैनिक दिनचर्या में उसके साथ रहें। यह आपके शिशु को आपके साथ संबंध बनाने में भी मदद करता है।

शिशु को कैसे खिलाएं?

आराम से बैठें। दूध पिलाना वह खास क्षण है जब आप और आपका शिशु एक-दूसरे के साथ संबंध को मजबूत कर सकते हैं। जब आप बच्चे को दूध पिला रही हों, तो आंखों से संपर्क बनाए रखें और उससे धीरे-धीरे बात करें।

बच्चे को दूध पिलाना

  1. बच्चे को दूध पिलाने से पहले अपने हाथों को धोएं। उसके ऊपर गतिया लगाएं। खुद को आरामदायक स्थिति में लाएं और हाथ को सहारा देने वाली सीट पर बैठें।
  2. अपने शिशु के सिर और गर्दन को अपनी कोहनी पर टिकाकर उसे अपने करीब लाएं। सिर को थोड़ा ऊपर रखने की इस मुद्रा में शिशु आमतौर पर सांस लेने और निगलने में सबसे अधिक आरामदायक होते हैं।
  3. अपने शिशु को दूध पिलाने वाली बोतल को देखने दें। धीरे से उसके होंठों को निप्पल से छुएं। वह प्रतिक्रिया करेगा और अपना मुंह खोलेगा, फिर आप निप्पल को उसके मुंह के अंदर कर दें।
  4. दूध पिलाने के दौरान निप्पल को दूध से भरा रखने के लिए बोतल को थोड़ा झुकाएं, ताकि आपका शिशु बहुत अधिक हवा न निगल ले।
  5. जब आपका बच्चा रुक जाता है या चूसना धीमा कर देता है, तो निपल को थोड़ा सा बाहर निकाल दें। यदि बच्चा तब भी दूध पीना चाहता है, तो वह उसे फिर से मुंह में खींच लेगा। यदि आपका शिशु निपल छोड़ देता है तो उसको डकार दिलाने के लिए ठहरें। डकार दिलाने के बाद बोतल को फिर से मुंह से लगा दें। यदि वह पेट भरने के संकेत दिखाता है, तो दूध पिलाना बंद कर दें।

दूध पिलाने के दौरान बच्चे पर नजर रखें:

  • अपने शिशु के पेट भरने के संकेतों को जानें। यह उसे तय करने दें कि हर बार दूध पीने में कितना लेना है। जब आपका शिशु पेट भरने के लक्षण दिखाता है, जैसे कि शिशु:
    • मुंह बंद कर लेता है
    • चूसना धीमा कर देता है या चूसना बंद कर देता है
    • निप्पल को छोड़ देता है
    • दूध की बोतल को दूर धकेलता है
    • अपनी पीठ को पीछे करता है और सिर को दूर हटाता है
    • शरीर शांत हो जाता है और वह सो जाता है
  • शिशु के सांस लेने और चूसने की कोशिश पर नजर रखें। यदि निप्पल का छेद बहुत छोटा है तो शिशुओं को चूसने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़ सकती है। यदि आवश्यक हो तो निप्पल का आकार जांचें। संदेह होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

महत्वपूर्ण टिप्पणियां

  • अपने शिशु को खिलाने के लिए इन्फेंट फार्मूले में कोई भी खाद्य पदार्थ या दवा न मिलाएं।
  • दूध पीने के दौरान कभी भी बोतल को सहारा देकर न छोड़ें या अपने बच्चे को अकेला न छोड़ें। इससे उसका गला घुट सकता है और सांस रुकने का खतरा होता है।
  • खिलाने के दौरान, बोतल को थपथपाएं नहीं, या निप्पल से उसके मुंह को गुदगुदी न करें। इससे वह असहज हो सकता है।
  • अपने शिशु को सारा इन्फेंट फॉर्मूला पीने के लिए मजबूर न करें। बचे हुए फॉर्मूला दूध को फेंक दें।
  • अपने शिशु को बोतल के साथ सोने न दें। इससे दांतों की सड़न हो सकती है और परिणामस्वरूप नींद की कमी हो सकती है।

शिशु को डकार कैसे दिलाएं?

दूध पीने के दौरान निगली गई हवा को बाहर निकालने के लिए खिलाने के बाद अपने शिशु को डकार दिलाएं।

  • अपने शिशु को दूध पिलाने के बाद या जब वह दूध पीने के दौरान थोड़ी देर रुके, तो उसे डकार दिलाएं
  • आप उसे निम्नलिखित तरीकों से डकार दिला सकते हैं:
    • अपने शिशु को अपने कंधे पर सीधा रखें। धीरे से उसकी पीठ थपथपाएं या सहलाएं।
    • उसे अपनी गोद में बैठाएं। उसके सिर और छाती को सहारा दें। धीरे से उसकी पीठ थपथपाएं या सहलाएं।

अगर पिलाने के बाद शिशु के मुंह से दूध गिरता है तो मुझे क्या करना चाहिए?

कई नवजात शिशु दूध पिलाने के बाद, डकार लेने के दौरान, या लेटते समय थोड़ा दूध निकालते हैं, क्योंकि उनके पाचन तंत्र विकसित नहीं होते।

निम्नलिखित को करने से उगलने के मामले कम करने में मदद मिलती है:

  • आपका शिशु जब भूख लगने के शुरुआती संकेत दिखाता है तो उसे दूध पिलाएं, जैसे होठों को चाटना, मुंह खोलना, या हाथ को मुंह में डालना। इससे उसे शांत रहने और दूध पीने के दौरान कम हवा निगलने में मदद मिलती है।
  • सुनिश्चित करें कि दूध पिलाने के दौरान निप्पल दूध से भरा रहता है।
  • अधिक दूध पिलाने से बचें। जब शिशु पेट भरने के संकेत दिखाता है तो दूध पिलाना बंद कर दें।
  • दूध पिलाने या डकार दिलाने के बाद, अपने शिशु को 10 से 20 मिनट के लिए सीधी अवस्था में रखें। आप या तो उसे पकड़ सकते हैं या उसे अपनी गोद में बैठा सकते हैं।
  • यदि उगलने में सुधार नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

शिशु को एक दिन में कितने दूध की आवश्यकता होती है?

शिशु बढ़त और विकास के लिए अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूध पीने की मात्रा को कम-ज्यादा कर लेते हैं। उनकी भूख दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है। अपने शिशु को यह तय करने दें कि उसे कब और कितने दूध की ज़रूरत है।

  • हर शिशु अलग होता है। कुछ शिशुओं को अक्सर बार-बार थोड़ा दूध पिलाने की ज़रूरत होती है, जबकि कुछ को कम बार दूध पिलाना पड़ता है लेकिन हर बार अधिक दूध देना होता है।
  • जन्म के बाद पहले कुछ दिनों में, शिशु एक समय में केवल थोड़ी मात्रा में ही इन्फेंट फॉर्मूला लेते हैं, क्योंकि उनका पेट काफी छोटा होता है। जागने पर उन्हें हर 2 से 3 घंटे में दूध पिलाया जाना चाहिए। अगले कुछ हफ्तों में, वे हर 3 से 4 घंटे में लगभग 60 से 90 मिली दूध पी सकते हैं। कभी-कभी उन्हें अधिक बार भी दूध पिलाया जा सकता है, इसलिए उनके दूध पीने के संकेतों पर नजर रखें।
  • एक से दो महीने के शिशु आमतौर पर दूध पीने के स्वयं के नियमित तरीके की आदत डाल लेते हैं। दो से छह महीने की उम्र से, कुछ शिशु रात और दिन की नियमित आदत के अनुसार कम-ज्यादा दूध लेते हैं। वे रात में 5 से 6 घंटे सोते हैं और सुबह उठने पर अधिक मात्रा में दूध पीते हैं।
  • दैनिक रूप से आवश्यक इन्फेंट फॉर्मूला दूध की मात्रा हर बच्चे के अनुसार अलग होती है। यहां स्वस्थ शिशुओं के लिए पहले कुछ महीनों का एक संदर्भ दिया गया है 5
    आपके बच्चे की उम्र क्या है फॉर्मूला दूध की दैनिक खपत
    1 महीना लगभग 550 – 970 मिली
    2 से 5 महीने लगभग 630 – 1110 मिली
  • शिशुओं को पता होता है कि उन्हें अपने विकास और शरीर की ज़रूरतों के लिए कितने दूध की ज़रूरत है। कुछ शिशुओं को कुछ दिनों के लिए ज्यादा भूख लग सकती है और अगले दिनों में वे कम दूध ले सकते हैं। यदि वे चंचल हैं और उनका वजन अच्छी तरह से बढ़ रहा है, तो भूख में बदलाव चिंता का कारण नहीं होना चाहिए।
  • उस पर बोतल का दूध खत्म करने का दबाव न डालें। शिशुओं की भूख दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है। उसके संकेतों पर नजर रखें और यह उसे तय करने दें कि उसे कितने दूध की ज़रूरत है।

5ल्युंग, एस.एस.एफ., लुइ, एस और डेविस, डी.पी. (1988)। 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए दूध की आवश्यकताओं पर बेहतर दिशा-निर्देश। ऑस्ट्रेलियन पीडियाट्रिक जर्नल, 24, 186-190।

क्या मेरे शिशु को र्प्याप्त खाना मिल रहा है?

जब आपके शिशु निम्न लक्षण दिखाता है तो उसका पेट भर जाता है:

गीली नैपी:

  • जन्म के बाद पहले दो दिनों में हर दिन 1 से 2 नैपी गीली होती हैं।
  • तीसरे और चौथे दिन हर दिन कम से कम 3 नैपी गीली होती हैं।
  • 5वें दिन के बाद, कम से कम 5 से 6 नैपी भारी (प्रत्येक लंगोट में 3 बड़े चम्मच पानी का वजन) और मूत्र का रंग पारदर्शी या हल्का पीला दिखाई देता है।

शिशु का मल:

  • पहले 5 दिनों में मल मेकोनियम से पीले रंग में बदल जाता है।
  • बनावट ढीली, पेस्ट जैसे से धीरे-धीरे बीज जैसी दानेदार में बदल जाती है।

शिशु का वजन:

  • जन्म के बाद पहले कुछ दिनों में, आपके शिशु का वजन कम होना सामान्य है।
  • पहले से दूसरे सप्ताह तक, आपके शिशु का वजन बढ़कर फिर से जन्म के समय के बराबर हो जाता है और फिर उसका वजन निरंतर बढ़ता है।
  • पहले 2 महीनों में, अधिकतर शिशुओं का औसतन वजन प्रति माह 0.5 किलोग्राम या उससे अधिक बढ़ता है।

यदि आपके बोतल से दूध पिलाने से संबंधित कोई भी सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर या नर्स से सलाह लें।

स्वास्थ्य की अधिक जानकारी के लिए, कृपया परिवार स्वास्थ्य सेवा वेबपेज पर जाएं: www.fhs.gov.hk या 24-घंटे सूचना वाली हॉटलाइन: 2112 9900 पर कॉल करें।

बोतल से दूध पिलाने के लिए मुख्य बिंदु

विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुशंसा करता है कि पहले छह महीनों में शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराया जाना चाहिए। लगभग छह महीने की उम्र में, शिशुओं को पौष्टिक ठोस आहार दिया जाना चाहिए और दो वर्ष या उससे अधिक उम्र तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। यदि माता-पिता अपने शिशु को स्तनपान नहीं कराना चाहते हैं या स्तनपान नहीं करवा सकते हैं, तो पहले कुछ महीनों के दौरान शिशु का पेट इन्फेंट फॉर्मूला से भरना ही एकमात्र विकल्प होता है।

इन्फेंट फॉर्मूला चुनना

  • इन्फेंट फॉर्मूला ("स्टेज 1 फॉर्मूला") नवजात शिशुओं और 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए उचित हैं।
  • 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए फॉलो-अप फॉर्मूला ("स्टेज 2 फॉर्मूला") उचित नहीं होता। 6 महीने की उम्र के बाद फॉलो-ऑन फॉर्मूला पर बदलना आवश्यक नहीं है।

इन्फेंट फॉर्मूला भोजन तैयार करना

  • दूध पिलाने वाली बोतलें, निप्पल और अन्य उपकरण साफ और कीटाणुरहित किए जाने चाहिए।
  • भोजन बनाते समय पैकेज पर दिए निर्देशों के अनुसार पानी और पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला की मात्रा को सही तरीके से मापें।
  • पाउडर इन्फेंट फॉर्मूला मिलाने से पहले बोतल में पानी डालें। पानी का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर होना चाहिए।
  • शिशुओं को ताजा तैयार किया गया इन्फेंट फॉर्मूला खिलाएं। तैयार होने के 2 घंटे के भीतर फॉर्मूला भोजन को खत्म कर दिया जाना चाहिए।

बच्चे को दूध पिलाना

  • दूध के तापमान की जांच करें।
  • शिशु को थोड़ा सा सीधा रहने की मुद्रा में सहारा दें और दूध पिलाने के दौरान उसे पकड़ें।
  • शिशु को उसके दूध पीने के संकेते के अनुसार ही पिलाएं। उसे पीने के लिए मजबूर न करें।
  • बचे हुए दूध को फेंक दें।