नवजात शिशुओं और छोटे बच्‍चों के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आहार दूध पिलाना

(Content revised 02/2016)

जीवन के शुरुआती दिनों में अच्‍छा पोषण बच्‍चे की बढ़ोतरी और‍ विकास के लिए महत्‍वपूर्ण है और इसका बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्य पर बहुत अधिक समय तक गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्‍चे को सही तरीके से अच्‍छा आहार खिलाना बहुत ज़रूरी है।

आपके बच्‍चे को आहार खिलाने का सही तरीका
पहले 6 महीनों के दौरान – केवल स्‍तनपान कराएं

  • पहले 6 महीनों के दौरान दूध शिशुओं के लिए पोषण का एकमात्र स्रोत होता है।
  • मां का दूध बच्‍चे के लिए ज़रूरी पोषक तत्‍वों और अन्‍य जैवसक्रिय पदार्थों की पूरी श्रेणी उपलब्‍ध कराता है।
  • जिन बच्‍चों को मां का दूध नहीं पिलाया जाता, उन बच्‍चों के माता-पिता को बच्‍चे को उसकी ज़रूरत के अनुसार शिशु फ़ार्मूले का सेवन कराना चाहिए।

6 से 24 माह – दूध की खुराक की अपेक्षा अपने आप विभिन्‍न प्रकार के आहार खाना शुरू करना

  • इस अवधि के दौरान शिशु केवल दूध के आहार की अपेक्षा वयस्‍कों वाले विभिन्‍न प्रकार के आहार खाना शुरू कर देता है।
  • इस दौरान शिशु खाने के लिए दूसरे पर निर्भर रहने की अपेक्षा अपने आप कप और चम्‍मच से खाना शुरू कर देता है।
  • माता-पिता को लगभग 6 माह की आयु के आसपास शिशु को ठोस आहार खिलाना शुरू कर देना चाहिए।
  • शिशु के लिए परिवार के भोजन जैसे अनाज, सब्ज़ियों, फलों, अण्‍डों, मछली, मांस और बीन से ही पोषक शिशु आहार तैयार किया जा सकता है।
  • शिशु को मांस, मछली, अंडे की जर्दी, लीवर, और गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्ज़ियां मुहैया कराकर आयरन की मात्रा का सेवन कराना सुनिश्चित करें।
  • बच्‍चे को विभिन्‍न स्‍वाद, बनावट और रंग वाले आहार खिलाने चाहिए। इससे बच्‍चे को आहार के बारे में जानने, भोजन का आनंद लेने और खाने की अच्‍छी आदतें विकसित करने में मदद मिलती है।
  • बदलाव के शुरुआती चरण में, मां के दूध और शिशु फ़ार्मूले से अभी भी अधिकतर पोषक तत्‍व प्राप्‍त हो जाते हैं। जब बच्‍चा विभिन्‍न प्रकार के ठोस आहार अधिक मात्रा में खाना शुरू कर देता है, तो उसे दूध की ज़रूरत कम पड़ती है।
  • पहले जन्‍मदिन के बाद विभिन्‍न प्रकार के खाद्य पदार्थों से मिलने वाले विशिष्‍ट आहार से बच्‍चे को आवश्‍यक पोषक तत्‍व मिलने चाहिए। इस आहार में थोड़े से बदलावों के साथ परिवार के भोजन को ही शामिल किया जा सकता है।
  • अब दूध प्रमुख आहार नहीं होता, लेकिन यह स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आहार का हिस्‍सा बना रहता है।
  • माताएं अपने बच्‍चों को एंटीबॉडी और पोषक तत्‍व प्रदान करने के लिए 2 वर्ष और उससे भी अधिक समय तक स्‍तनपान कराना जारी रख सकती है।

2 से 5 वर्ष – परिवार के भोजन का लुत्‍फ उठाना

  • इस आयु तक पहुंचने पर बच्‍चे को परिवार के साथ भोजन करना शुरू कर देना चाहिए। आपस में मिलकर संतुलित भोजन खाने के साथ-साथ, बच्‍चे माता-पिता की खाने संबंधी अच्‍छी आदतें भी अपनाने लगते हैं। परिवार का भोजन करने का समय उन्‍हें परिवार की दिनचर्या को समझने और माता-पिता और बच्‍चे के बीच बातचीत को बढ़ाने में मददगार होता है।

जिन बच्‍चों को स्‍तनपान नहीं कराया जाता है उनके लिए कौन सा दूध अच्‍छा रहता है?

  • 12 माह से कम आयु के बच्‍चों के लिए मां के दूध के अलावा शिशु फ़ार्मूले का दूध अच्‍छा होता है। एक वर्ष से कम आयु के बच्‍चों के लिए गाय का दूध ठीक नहीं होता।
  • 1 साल की आयु के बच्‍चे गाय का पूरी चिकनाई वाला दूध पी सकते हैं अथवा पूरी चिकनाई वाले दूध के पाउडर का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। जिन बच्‍चों की आयु 2 वर्ष अथवा उससे अधिक है, उनके लिए कम चिकनाई वाला दूध ठीक होता है।
  • जो बच्‍चे आयरन की कम मात्रा वाला भोजन खाते हैं, जैसे कि जो बच्‍चे शाकाहारी आहार खाते हैं, उनके लिए फ़ार्मूला दूध ठीक होता है।
  • जिन बच्‍चों को गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी होती है, उन्‍हें विशेष फ़ार्मूला दूध की आवश्‍यकता होती है। माता-पिता को अपने बच्‍चों को विशेष फ़ार्मूला दूध पिलाना शुरू करने से पहले चिकित्‍सीय सलाह लेनी चाहिए।

मेरा 1 साल का बच्‍चा अपना भोजन अच्छी प्रकार से खाता है, उसे कितना दूध पीना चाहिए?

  • विभिन्‍न प्रकार के भोजनों से युक्‍त आहार के एक भाग के रूप में 1 से 5 वर्ष की आयु के बच्‍चों के लिए 360 से 480 ग्राम दूध उसकी पोषक तत्‍वों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उचित होता है।
  • दिन में 2 से 4 बार नाश्‍ते के समय और स्‍नैक्‍स के साथ छोटे कप में दूध देना चाहिए। आप बच्‍चे को विकल्‍प के तौर पर दूध से बने उत्‍पाद भी दे सकते हैं।
  • दूध कैल्शियम और अन्‍य पोषक तत्‍वों का एक अच्छा स्रोत है। हालांकि, यदि कोई बच्‍चा बहुत अधिक दूध पीता है, तो इससे उसकी अन्‍य पोषक आहारों की भूख कम हो जाएगी और उसके लिए खाने की स्‍वास्‍थवर्धक आदतें अपनाना मुश्किल हो जाएगा।
  • टोफ़ू, कैल्शियम संवर्धित सोया दूध अथवा गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्जियां कैल्शियम से प्रचूर आहार हैं। यदि बच्‍चा इन आहारों का प्रतिदिन और पर्याप्‍त मात्रा में सेवन करता है, तो उसे अपनी कैल्शियम संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूध की कम मात्रा की ज़रूरत होती है।

मेरे बच्‍चे को बोतल से दूध पीना कब बंद कर देना चाहिए?

  • 18 माह की आयु होने तक बच्‍चे को बोतल से दूध पीना बंद कर देना चाहिए।
  • बोतल का लगातार प्रयोग करने वाले बच्‍चों के दांतों में जल्‍दी कीड़ा लगने की संभावना होती है। उनके मोटे होने की संभावना अधिक रहती है। वे दूध अधिक पीते हैं और अन्‍य आहारों में उनकी रुचि कम होती है।
  • अपने शिशु को 8 से 9 माह की आयु में एक प्रशिक्षण कप प्रदान करें और पीने में उसकी मदद करें। बाद में वह नली (स्‍ट्रा) की मदद से भी पी सकता है। अधिकतर बच्‍चे 1 वर्ष की आयु होने तक प्रशिक्षण कप से दूध पी सकते हैं। शिशु के पहले जन्‍मदिन के बाद उसे बोतल से दूध पीना छुड़ाना शुरू कर दें।

मेरा बच्‍चा भोजन में मीन-मेख निकालता है। क्‍या उसे “पिकी ईटर” फ़ार्मूला दूध पिलाया जा सकता है?

  • तथाकथित “पिकी ईटर” फ़ार्मूला दूध में विभिन्‍न विटामिन, मिनरल अथवा चिकनाई वाले एसिड आदि मिले हुए होते हैं। ये सभी पोषक तत्‍व उस भोजन में मौजूद होते हैं, जिसे हम सामान्‍य तौर पर खाते हैं। इसके विपरीत, दैनिक आहार में पाए जाने वाले सभी लाभदायक पदार्थ फ़ार्मूला दूध में नहीं पाए जाते। इन भोजनों में ऊर्जा की मात्रा और मीठे का स्‍तर नियमित फ़ार्मूला दूध अथवा गाय के पूरी चिकनाई वाले दूध की अपेक्षा अधिक होता है।
  • यदि बच्‍चे किसी समूह विशेष के आहार को खाने से लगातार मना करते हैं, तो उन्‍हें पर्याप्‍त पोषक तत्‍व प्राप्‍त नहीं होने का जोखिम रहता है। पूरक आहार के रूप में गाय के दूध की अपेक्षा नियमित फ़ार्मूला दूध दिया जाना चाहिए। दूध पीने की मात्रा को एक दिन में 480 मिली. से कम रखना बहुत ज़रूरी है।
  • अपने बच्‍चे को विभिन्‍न प्रकार का आहार मुहैया कराकर, भोजन के समय विभिन्‍न प्रकार के व्‍यंजन मुहैया कराकर, आहार के बारे में सीखने में उसकी मदद करें, खाने में मीन-मेख निकालने से निपटने में उसकी मदद करने के लिए उसके साथ भोजन खाना ज़रूरी है।
  • यदि माता-पिता को अपने बच्‍चे के आहार और विकास को लेकर कोई चिंता है, तो वे चिकित्‍सीय सलाह ले सकते हैं।