बच्चों में खाने की अच्छी आदतें विकसित करने में मदद करें

(Content revised 11/2015)

खाद्य पदार्थ तैयार करने और परोसने के अलावा, बच्चों के अच्छी तरह खाने और खान-पान के स्वस्थ व्यवहार विकसित करने में निम्नलिखित सुझाव माता-पिता की मदद कर सकते हैं।
अच्छी तरह खाने के लिए रोल मॉडल सेट करें
पूर्वस्कूली बच्चे दूसरों की नकल करना पसंद करते हैं। संभव है कि वे आपकी भोजन वरीयताओं को अपनाएँ या शारीरिक गतिविधियों के स्तर जैसी आपकी जीवन-शैली की नकल करें। जब भी संभव हो, अपने बच्चों के साथ पारिवारिक भोजन करने की कोशिश करें। आपके बच्चों को भोजन तथा नाश्ता करते समय फल, सब्जियाँ और अनाज खाने का मज़ा लेने दें।

अपने बच्चों को परिवार के बाक़ी लोगों के साथ खाने दें
परिवार के साथ भोजन करने से बच्चों का ध्यान खाने की ओर जाता है और आपको भी बढ़िया आहार खाने से संबंधित व्यवहार दिखाने का मौक़ा मिलता है। जितना संभव हो, उतनी बार सपरिवार भोजन करने की कोशिश करें।

नाना प्रकार के खाद्य पदार्थों की पेशकश करें
पूर्वस्कूली बच्चों को कई प्रकार के खाद्य पदार्थों की पेशकश से उन्हें प्रत्येक खाद्य समूह से ज़रूरी पोषक पदार्थ पाने में मदद मिलती है। उनके द्वारा नए और कई क़िस्म के खाद्य पदार्थों को आज़माने व खाने की संभावना भी बढ़ती है।
प्रमुख भोजन में कम से कम 3-4 खाद्य समूहों से आहार उपलब्ध कराएँ। खाए जाने वाले स्वास्थ्यकारी खाद्य पदार्थों के रेंज को विस्तृत करने के लिए, नाश्ते में फल, पनीर या दूध के उत्पाद, गेहूँ की ब्रेड जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थ चुनें।

नियमित समय पर भोजन और नाश्ता कराएँ
हर दिन 3 मुख्य भोजन करें और 2 या 3 बार स्नैक्स खाएँ। मुख्य भोजन हेतु भूख बनाए रखने के लिए मुख्य भोजन और स्नैक्स के बीच कम से कम 1.5 घंटे का अंतर रखें। भोजन के लिए पर्याप्त समय-सीमा, जैसे 30 मिनट का समय रखें। जब आपके बच्चे की भोजन में दिलचस्पी न हो, तो इसका मतलब है कि उसका पेट भर चुका है। मुख्य भोजन के बाद उन्हें दूध पिलाने या स्नैक्स खिलाने से बचें। अन्यथा आपका बच्चा मुख्य भोजन को छोड़ने और स्नैक्स का इंतज़ार करने के लिए प्रोत्साहित होगा। नाश्ता कराने के समय में लचीलापन रखें, अगर आपका बच्चा कहता है कि उसे भूख लगी है, तो पहले थोड़ा-सा स्वास्थ्यकारी स्नैक्स खाने के लिए दें।

अपने बच्चों को तय करने दें कि कितना खाएँ
अपने बच्चों को छोटे और आराम से खाने लायक़ मात्रा में आहार की पेशकश करें। उनसे कहें कि यदि फिर भी उनकी भूख न मिटे तो उन्हें और खाने के लिए दिया जाएगा। पूरा खाना ख़त्म करने पर ज़ोर न दें। आपके बच्चों को अपने आप अपनी भूख मिटाना सीखने दें। कितना खाना है, यह उन्हीं को तय करने दें। इससे वे लंबे समय में ज़्यादा खाने और मोटापे से बचेंगे। यह भोजन के समय को अधिक मनोरंजक तथा तनाव मुक्त भी करता है।

नए आहार खिलाने की कोशिश में हार न मानें
बच्चे हमेशा सीधे नए आहार और सब्जियों को स्वीकार नहीं करते। कभी-कभी बच्चों द्वारा नए आहार को आज़माने की कोशिश कराने में 10 से भी ज़्यादा बार प्रयास करना पड़ सकता है।
आप अपने बच्चे के लिए अच्छे मॉडल बनें। यदि आप उनके साथ वही खाना खाते हैं, तो वे उसे आज़माने के लिए ज़्यादा तैयार होंगे।
कुछ बच्चे अन्य परिचित खाद्य पदार्थों के साथ नए आहार को खाने के लिए ज़्यादा तैयार हो सकते हैं जब कि कुछ बच्चे ऐसा नहीं करते। आहार को विभिन्न तरीक़ों से पेश करने का प्रयास करें, जैसे नए खाद्य पदार्थ को और अन्य व्यंजनों को सामान्य व अलग ढंग से परोसने की कोशिश करें।

अपने बच्चों को आहार से नहीं, बल्कि उन पर अपने ध्यान से पुरस्कृत करें
अपने बच्चों को गले लगाकर, चूमकर, तारीफ़ करके, उनके साथ खेलकर, कहानी सुनाते हुए या बाहर की गतिविधियों में हिस्सा लेते हुए पुरस्कृत करें।
बच्चों को इनाम स्वरूप व्यंजन खिलाने से उनमें उसे और खाने की इच्छा जगती है। यदि हम मिठाई या चिप्स को इनाम में दें, तो वे ऐसे पदार्थ ज़्यादा खाना पसंद करेंगे। अगर हम बच्चों से कहते हैं कि "पहले अपनी सब्जी ख़त्म करो और तब तुम्हें मिठाई मिलेगी", तो वे मिठाई ज़्यादा पसंद करने लगेंगे और सब्जियाँ नापसंद करेंगे।
जब बच्चे रूठ जाएँ तो उन्हें मनाने के लिए खाद्य पदार्थों का उपयोग करने से बचें। यह उन्हें खाने से राहत पाना सिखाता है। उन्हें गले लगाकर, चूमकर, या बातें करके मनाने की कोशिश करें।

खाने का सकारात्मक माहौल बनाएँ
भोजन का समय खाद्य पदार्थों और खाने की सराहना करने का मौक़ा है। बड़े बच्चे टेबल सजाना, फल या सब्जियाँ धोना जैसे सामान्य भोजन-संबंधी कार्यों को करने में मदद कर सकते हैं। इससे बच्चों में आत्म-सम्मान और उपलब्धि की भावनाओं को बढ़ाने में मदद मिलती है।
बच्चों के साथ खाने के लिए बैठकर ख़ुशनुमा माहौल पैदा करें। खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसी सभी ध्यान भटकाने वाले चीज़ों को हटाएँ। भोजन करते समय टेलीविज़न बंद रखना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय होने का अच्छा उदाहरण स्थापित करें। खेल के समय को पारिवारिक समय बनाएँ। टी.वी. देखने के बजाय अपने बच्चों के साथ चलें, दौड़ें और खेलें।