गर्भावस्‍था के दौरान स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आहार

(Content revised 10/2014)

गर्भावस्‍था के दौरान स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आहार खाना और नियमित तौर पर व्‍यायाम करना आप और आपके बढ़ रहे बच्‍चे के लिए बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इससे आपका अच्‍छा वज़न बढ़ेगा, आपके शिशु के बढ़ने में मदद मिलेगी, आपके बच्‍चे का वज़न अच्‍छा होगा और आपकी डाटबटिज़ नियं‍त्रण में रहेगी। विभिन्‍न प्रकार के आहार खाने से आपको ऐसे पोषक तत्‍व मिलते हैं, जो आपके बच्‍चे के विकास को प्रोत्‍साहित करते हैं और आपको तरोताज़ा रखते हैं। आपको नियमित रूप से आहार खाना चाहिए। भोजन ज़रूर खाना चाहिए।

स्‍वास्थ्‍यवर्धक आहार चुनना

  • अनाज: चावल, पास्‍ता अथवा ब्रेड से आपको ऊर्जा और B समूह के विटामिन मिलते हैं। साबुत अनाज वाले आहार विटामिन और आहार-संबंधी रेशों से भरपूर होते हैं, जो आपको कब्‍ज़ नहीं होने देते। रिफ़ाइंड चावल अथवा सफेद ब्रेड की अपेक्षा साबुत अनाज वाले उत्‍पाद चुनें, जैसे भूरे चावल, ब्रेड अथवा ओट्स।
  • सब्ज़ियां और फल: सब्ज़ियां और फल विटामिन और खनिजों के अच्‍छे स्रोत होते हैं। पत्‍तेदार सब्ज़ियां फ़ोलिक एसिड से भरपूर होती हैं, जो भ्रूण को तंत्रिकीय नलिका दोष (मस्तिष्‍क और रीढ़ की जन्‍मजात विकलांगता) से प्रभावित होने से बचाती हैं। संतरा और कीवी जैसे फलों में पाया जाने वाला विटामिन C आपके शरीर के आयरन को मिलाने में मदद करता है। रंगीन सब्ज़ियां और फल जैसे कद्दू, टमाटर और गहरे हरे रंग की सब्ज़ियों में कैरोटीन अधिक मात्रा मिलता है और इनसे आपको पर्याप्‍त मात्रा में विटामिन ए प्राप्‍त होता है।
  • मांस, मछली, अंडे और अन्‍य विकल्‍प – इनमें आमतौर पर अंडे, बीन्‍स, टोफ़ू, मेवे और बीज शामिल होते हैं। प्रोटीन, आयरन और विटामिन B12 प्राप्‍त करने के लिए अपने भोजन में बिना चर्बी वाला मांस और चिकन शामिल करें। तेलयुक्‍त मछली, जैसे सामन, पैसेफ़िक साउरी अथवा सारडाइन मछली ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड, जैसे कि DHA की अच्‍छी स्रोत होती हैं, जो मस्तिष्‍क के विकास के लिए महत्‍वपूर्ण है।
  • दूध और दूध के विकल्‍प – अपने आहार में कम चिकनाई वाला दूध, दही अथवा पनीर और बिना दूध वाले कैल्शियम के अन्‍य स्रोत जैसे कैल्शियमयुक्‍त सोयादूध, टोफ़ू, डिब्‍बाबंद सारडाइन अथवा गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्ज़ियां शामिल करें।
  • खाना पकाने के लिए वनस्पति तेल का उपयोग करें।
  • कम नमक खाएं और अपने नमक के उपभोग को प्रतिदिन 5 ग्राम अथवा 1 छोटे चम्मच तक सीमित रखें। डिब्‍बाबंद आहार और प्रोसैस किया हुआ मांस, जैसे हैम और सॉसेज कम खाएं।
  • ढेर सारा पानी पीएं।
  • अतिरिक्‍त मीठे और ठोस चिकनाई वाले आहार, जैसे तले हुए व्‍यंजन, नूडल्‍स, आइसक्रीम, कैंडी, बिस्‍कुट, मिठाइयां, सॉफ़्ट ड्रिंक या सोडा और फल पेय कम से कम चुनें। इन आहारों में कैलोरी अधिक और पोषक तत्‍व कम होते हैं।

गर्भावस्‍था अथवा गर्भधारण की योजना बनाते समय निम्‍नलिखित आहारों से बचना चाहिए

  • एल्‍कोहलयुक्‍त पेय पदार्थ: एल्‍कोहल से आपके बच्‍चे का विकास गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।
  • अधिक मिथाइलमर्करी वाली मछलियां: मिथाइलमर्करी से आपके बच्‍चे के विकसित होते मस्तिष्‍क को नुकसान पहुंच सकता है। आपको बड़ी परभक्षी मछली और मिथाइलमर्करी से भरपूर मात्रा वाली मछलियां खाने से बचना चाहिए, जिनमें शामिल हैं: शार्क, स्वॉर्डफ़िश, मर्लिन, किंग मैकरल, ट्यूना, स्‍प्‍लेन्‍डिड अल्‍फ़ॉंसिनों, ऑरेंज रफी, यैलोबैक सीब्रीम और डैश-एण्‍ड-डॉट गोटफिश आदि।
  • कच्‍चा अथवा कम पका हुआ मांस, समुद्री भोजन और अंडे।
  • लिस्‍टेरिया जीवाणु से दूषित अधिक जोखिम वाले आहार, जिनकी वज़ह से गर्भपात हो सकता है: इनमें शामिल हैं
    • पका-पकाया ठंडा मांस अथवा चिकन (सुपरमार्केट अथवा सलाद बार से ख़रीदा हुआ), तैयार पेट्स,
    • तैयारशुदा और स्‍टोर की हुई सलाद (सलाद बार अथवा सुपरमार्केट से ख़रीदा हुआ), और सलाद के साथ सुशी,
    • सॉफ़्ट चीज़, जैसे फ़ेटा, ब्री, कैमेम्बर्ट, ब्लियू चीज़ और पास्‍च्युरिकृत न किया हुआ दूध और इससे बने उत्‍पाद,
    • पैक किया और रेफ़्रीजरेटिड आहार, जिसकी भण्‍डार करने की तिथि समाप्‍त हो चुकी है।
  • कड़क चाय और कॉफ़ी अथवा कैफ़ीनयुक्‍त पेय-पदार्थ।

गर्भावस्‍था की ज़रूरत को पूरा करने के लिए मुझे कितना आहार खाना चाहिए?

  • आपको 2सरी और 3सरी तिमाही में (गर्भावस्‍था के 4थे महीने से शुरू होकर) भोजन की थोड़ी अधिक मात्रा की ज़रूरत होती है। सामान्‍य वज़न वाली महिलाओं के लिए नीचे सामान्‍य भोजन योजना दिखाई गई है। आपको इस योजना से कम अथवा अधिक भोजन की ज़रूरत हो सकती है। यदि आपके गर्भ में जुड़वां बच्‍चे पल रहे हैं अथवा आपको गर्भावस्‍था संबंधी कोई परेशानी है, तो आप अपने डॉक्‍टर अथवा आहार विशेषज्ञ से सलाह ले सकती हैं।
  • भोजन योजना

आहार समूह

प्रतिदिन कितनी बार खाना है#

परोसने का उदाहरण

गर्भावस्‍था से पहले एवं पहले 3 माह के दौरान

गर्भावस्‍था का 4थे से 9वां महीना

एक कटोरी = 250 – 300 मिली
1 कप = 240 मिली

अनाज

3 से 4 बार

31/2 से 5 बार

1 कटोरी चावल,
11/4 कटोरी नूडल्‍स/ स्‍पॉगैटी/ मैकरॉनी
2 स्‍लाइस ब्रेड (प्रत्‍येक पाउन्‍ड 8 स्‍लाइस)

सब्ज़ियां

या अधिक

4-5

1/2 कटोरी पकी हुई सब्ज़ियां,
1 कटोरी कच्‍ची सब्ज़ियां

फल

2 या अधिक

कम से कम 2 से 3

1 दरम्याना फल (महिला की मुट्ठी के आकार का)
1/2 कप कटे हुए फल

मांस, मछली, अण्‍डे और फलियां

5 से 6

6 से 7

40 ग्राम कच्‍चा मांस, मछली अथवा चिकन,
1 मुर्गी का अण्‍डा,
1/4 ब्‍लॉक सख़्त टोफ़ू;
4 छोटे चम्मच पकी हुई सोयाबीन,
6 से 8 छोटे चम्मच अन्‍य पकी हुई बीन्‍स

दूध और कैल्शियम से प्रचूर आहार

1 से 2

2

1 कप दूध अथवा कैल्शियमयुक्‍त सोया दूध;
2 स्‍लाइस प्रोसैस किया हुआ चीज़;
1 डिब्‍बा (150 ग्राम) दही;
1/2 ब्‍लॉक सख़्त टोफू (कैल्शियमयुक्‍त नमक के साथ सेट किया हुआ)

ऐसे कौन से ज़रूरी पोषक तत्‍व है, जिन पर विशेष ध्‍यान दिए जाने की ज़रूरत है?

फ़ॉलिक एसिड:

फ़ॉलिक एसिड ख़ून बनाने और कोशिकाओं की बढ़ोतरी के लिए ज़रूरी है। यह शिशु के सामान्‍य विकास के लिए और कुछ जन्‍मजात दोषों, उदाहरण के लिए न्‍यूरल ट्यूब दोष (मस्तिष्‍क का एक प्रकार का जन्‍मजात विकार) को रोकने के लिए गर्भावस्‍था के पहले सप्‍ताह के दौरान ज़रूरी है। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे गर्भावस्‍था के पहले 3 महीनों के दौरान फ़ॉलिक एसिड की पूरक ख़ुराक लें। जो महिलाएं गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, उन्‍हें भी फ़ॉलिक एसिड की पूरक ख़ुराक लेने की सलाह दी जाती है।

आयोडीन

भ्रूण के मस्तिष्‍क की सामान्‍य बढ़ोतरी और विकास के लिए आयोडीन की पर्याप्‍त मात्रा का सेवन किया जाना ज़रूरी है। हालांकि, मछली, समुद्री भोजन और दूध आपको आयोडीन प्रदान करते हैं, लेकिन ये गर्भावस्‍था के दौरान अधिक मांग को पूरा नहीं कर पाते। आपको प्रसव से पहले विटामिन और मिनरल पूरक ख़ुराक लेने पर विचार करना चाहिए अथवा निम्‍नलिखित की ख़ुराक बढ़ा देनी चाहिए:

विटामिन D

शरीर द्वारा कैल्शियम को सोखने और हड्डियों का निर्माण करने के लिए विटामिन D की ज़रूरत होती है। तेलयुक्‍त मछलियां, अण्‍डे और शक्ति देने वाले दूध केवल सीमित मात्रा में विटामिन D प्रदान कर सकते हैं। धूप में त्‍वचा विटामिन D का निर्माण करती है। ऐसी महिलाएं जिनका रंग काला है, जो अपने शरीर के अधिकतर हिस्‍से को कपड़ों से ढके रहती हैं अथवा जो अधिकतर समय घर के अंदर रहती हैं, उनमें विटामिन D की कमी होने का जोखिम रहता है और इससे उनके शिशु की हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं। उन्‍हें पूरक ख़ुराक लेने के लिए अपने डॉक्‍टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

लौह (आयरन)

गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्‍त आयरन की आवश्‍यकता होती है। आयरन का सबसे अच्‍छा स्रोत कम चिकनाई वाला मांस, मछली, गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्ज़ियां, सूखी बीन्‍स और आयरन देने वाले नाश्‍ते में खाए जाने वाले अनाज हैं। विटामिन C से भरपूर फल और सब्ज़ियां (जैसे कि संतरा, टमाटर, शिमला मिर्च) अथवा हरी पत्‍तेदार सब्ज़ियों के साथ मांस अथवा मछली खाने से आयरन सेवन की मात्रा बढ़ सकती है। अपने भोजन के साथ चाय और कॉफ़ी पीने से बचें, क्‍योंकि इससे आयरन का अवशोषण कम हो जाता है।

ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड

ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड में DHA (docosahexaenoic acid) और EPA (eicosapentaenoic acid) शामिल होते हैं। DHA आपके बच्‍चे के मस्तिष्‍क और आंखों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। अलसी के बीज, अखरोट और राई का तेल ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड के अच्‍छे स्रोत हैं। आप नियमित रूप से तेलयुक्‍त मछली खा कर भी DHA प्राप्‍त कर सकती हैं। यदि आप मछली नहीं खातीं, तो आप DHA युक्‍त पूरक ख़ुराक लेने पर भी विचार कर सकती हैं।

क्‍या मुझे विटामिन और मिनरल की पूरक ख़ुराक लेने की ज़रूरत है?

पोषक तत्‍वों की ज़रूरत को पूरा करने का सबसे अच्‍छा तरीका संतुलित आहार है। प्रसव से पहले मल्टीविटामिन और मल्‍टी-मिनरल की पूरक ख़ुराक आपको गर्भावस्‍था के दौरान अतिरिक्‍त पोषक तत्‍व मुहैया करा सकती है, विशेषकर आयो‍डीन। उपयुक्‍त फ़ॉर्मूलेशन के लिए अपने डॉक्‍टर, आहार विशेषज्ञ अथवा फार्मासिस्‍ट से सलाह लेनी चाहिए। जिन पूरकों में विटामिन A की मात्रा अधिक होती है, वे गर्भावस्‍था के लिए उपयुक्‍त नहीं माने जाते।

शाकाहारी महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान पोषक तत्‍वों की ज़रूरत को कैसे पूरा कर सकती हैं?

  • सावधानीपूर्वक खाद्य पदार्थ चुनने से शाकाहारी आहार अधिकतर पोषक तत्‍वों की ज़रूरत को पूरा कर सकता है। हालांकि, आयरन, विटामिन B12 और ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड की अपर्याप्‍त मात्रा का सेवन करने का जोखिम बना रहता है। आपको इसके लिए पोषक तत्‍वों की पूरक गोलियां लेनी पड़ सकती हैं। कृपया अपने डॉक्‍टर से सलाह करें।
  • अण्‍डे, सूखी बीन्‍स, टोफ़ू, सोया उत्‍पाद, मेवे और बीज प्रोटीन के अच्‍छे स्रोत हैं।
  • अण्‍डों, बीन्‍स और गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्ज़ियों से प्राप्‍त होने वाला आयरन सरलता से नहीं सोखता, इसलिए शाकाहारी महिलाओं को आयरन संवर्धित आहार खाने की ज़रूरत होती है, जैसे कि नाश्‍ते में अनाज खाना और आयरन के अवशोषण को बढ़ाने के लिए विटामिन C से प्रचूर आहार खाना।
  • यदि आप दूध अथवा दूध से बने उत्‍पाद नहीं खातीं, तो आपको कैल्शियम के स्रोत के रूप में कैल्शियम संवर्धित सोया दूध अथवा टोफ़ू, और गहरे हरे रंग की पत्‍तेदार सब्ज़ियां खानी चाहिए।
  • विटामिन B12 केवल पशु स्रोतों से प्राप्‍त होने वाले आहारों से ही प्राप्‍त होता है। यदि आप दूध अथवा अण्‍डे का सेवन कम मात्रा में करती हैं, तो आपको विटामिन पूरक आहार खाने की ज़रूरत हो सकती है।
  • अखरोट, अलसी के बीज, कनौला का तेल ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड के अच्‍छे स्रोत हैं। तथापि, पौधों से प्राप्‍त होने वाले आहार में कोई DHA नहीं होता, गर्भवती शाकाहारी महिलाओं को DHA युक्‍त पूरक आहार लेने के लिए डॉक्‍टर या फार्मासिस्‍ट से सलाह लेनी चाहिए।

मुझे कितना वज़न बढ़ाना चाहिए?

पहली तिमाही (अथवा गर्भावस्‍था के पहले 3 महीनों के दौरान) बहुत कम वज़न बढ़ना आम बात है। दूसरी और तीसरी तिमाही में (अथवा 4थे से 9वें महीने में) वज़न में धीरे-धीरे लगभग 0.5 किलोग्राम की बढ़ोतरी होना सामान्‍य है, क्‍योंकि आपके शिशु के टिशु निरंतर बढ़ते रहते हैं।

आपका बढ़ने वाला वज़न आपके आहार, क्रिया-कलाप का स्‍तर और समूचे स्‍वास्‍थ्‍य द्वारा प्रभावित होता है। बढ़ने वाले कुल वज़न की मात्रा गर्भधारण के समय आपके वज़न पर भी निर्भर करती है।

गर्भावस्‍था के दौरान अपनी BMI की गणना इस प्रकार करें: गर्भधारण से पहले वज़न (किग्रा) ¸ कद (मीटर) ¸ कद (मीटर)। इसके बाद आप अपने लिए उचित वज़न का पता लगाने के लिए सिफ़ारिश की गई अपनी रेंज जानने के लिए निम्‍नलिखित तालिका देख सकती हैं।


गर्भावस्‍था से पहले की BMI

कुल बढ़े हुए वज़न की सिफ़ारिश की गई सामान्‍य रेंज

सामान्‍य से कम वज़न : 18.5 से कम BMI

12.5 से 18 किग्रा.

सामान्‍य वज़न : 18.5 से 24.9

11.5 से 16 किग्रा.

सामान्‍य से अधिक वज़न : 25.0 से 29.9

7 से 11.5 किग्रा.

मोटापा : 30.0 और अधिक

5 से 9 किग्रा.

स्रोत: इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसन 2009

क्‍या शारीरिक क्रिया-कलाप कराना गर्भावस्‍था के लिए अच्‍छा है

गर्भावस्‍था के दौरान सक्रिय रहने के कई लाभ हैं। इससे गर्भावस्‍था संबंधी तकलीफ़ों को दूर करने, मनोदशा, नींद में सुधार लाने और उचित वज़न बढ़ाने में मदद मिलती है। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक क्रिया-कलाप अवश्‍य करें। यह अलग-अलग सत्रों में किया जा सकता है। यदि आपकी गर्भावस्‍था से कोई जटिलता नहीं जुड़ी हुई, तो ऐसा क्रिया-कलाप चुनें, जिससे आपके घुटनों पर कम दबाव पड़े, जैसे सैर करना, स्थिर बाइक पर साइकिल चलाना अथवा तैराकी करना। अधिक ज़ोर न लगाएं। कसरत का उचित तरीका यह है कि आप कसरत करते समय बातें कर सकें। यदि आपको कोई असुविधा लगे, तो क्रिया-कलाप बंद कर दें और तत्‍काल अपने डॉक्‍टर से सलाह करें।

सार

गर्भावस्‍था के दौरान स्‍वास्‍थ्यवर्धक आहार संबंधी 10 महत्‍वपूर्ण बिंदु

  1. विभिन्‍न प्रकार का भोजन खाएं; खाने में मीन मेख न निकालें;
  2. साबुत-अनाज वाले आहार अधिक मात्रा में खाएं; सब्जियां और फल अधिक मात्रा में खाएं;
  3. मांस, मछली और दूध, इनके विकल्‍पों का औसत मात्रा में सेवन करें;
  4. ओमेगा-3-चिकनाईयुक्‍त एसिड से प्रचूर और कम मिथाइलमर्करी वाली मछलियां अधिक मात्रा में खाएं;
  5. ऐसे आहार खाएं, जो आयोडीन, फ़ोलेट, कैल्शियम और आयरन से भरपूर हों;
  6. अधिक चिकनाई वाले आहार और अतिरिक्‍त मीठे वाले आहार और पेय पदार्थों का सेवन कम करें;
  7. खाद्य सुरक्षा की ओर ध्‍यान दें;
  8. प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक शारीरिक क्रियाकलाप करें;
  9. पर्याप्‍त मात्रा में विटामिन D प्राप्‍त करने के लिए धूप में रहें;
  10. प्रसव से पहले मल्टीविटामिन / मल्‍टीमिनरल पूरक आहार का सेवन करें, जिनमें आयो‍डीन हों। मार्गदर्शन के लिए स्‍वास्‍थ्‍य देखरेख पेशेवरों से सलाह लें।