कॉल्पोस्कोपी द्वारा निदान: लो-ग्रेड स्क्वामस इंट्राएपिथीलियल लीशन (LSIL) / ह्यूमन पैपिल्लोमावायरस (HPV)

(सामग्री संशोधित 04/2023)

अगर आपको कॉल्पोस्कोपी द्वारा लो-ग्रेड स्क्वामस इंट्राएपिथीलियल लीशन (LSIL) / ह्यूमन पैपिल्लोमावायरस (HPV) का निदान किया गया है, तो इसका क्या मतलब है? [टिप्पणियाँ: LSIL को पहले सर्वाइकल इंट्राएपिथीलियल नियोप्लासिया (CIN) I] के नाम से जाना जाता था

  • अगर कॉल्पोस्कोपी और/या बायोप्सी कराने वाली महिला में स्क्वैमस इंट्राएपिथीलियल लीशन (SIL) का निदान किया गया है, तो इसका मतलब है कि सर्वाइकल कोशिकाएँ असामान्य हैं और दिखने में बदल गई हैं।
  • सर्वाइकल कोशिकाओं में HPV संक्रमण के परिणामस्वरूप कोशिका क्षति हो सकती है जिससे सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा और बढ़ सकता है।
  • अगर आपकी कॉल्पोस्कोपी रिपोर्ट LSIL/HPV दिखाती है, तो इसका मतलब है कि आपकी सर्वाइकल कोशिकाओं में हल्का बदलाव है/आप HPV से संक्रमित हैं।  हालाँकि, ज़्यादातर महिलाएँ ठीक हो जाती हैं अनायास ही 2 साल के अंदर बिना किसी इलाज के।  इस बीच, आपको अपनी स्थिति को मॉनिटर करने के लिए नियमित और ज़्यादा बार फ़ॉलो-अप सर्वाइकल स्मीयर कराने की ज़रुरत है।

मुझे फ़ॉलो-अप सर्वाइकल स्मियर कब लेना चाहिए?

हांगकांग कॉलेज ऑफ़ ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स द्वारा प्रकाशित 'सर्वाइकल कैंसर प्रिवेंशन एंड स्क्रीनिंग के लिए दिशानिर्देश' के अनुसार, कॉल्पोस्कोपी के बाद आपको हर 6 महीनों में दोबारा स्मीयर टेस्ट की ज़रुरत पड़ेगी जब तक कि आप लगातार 3 सामान्य सर्वाइकल स्मीयर नहीं ले लेते।  इसके बाद, आप नियमित सर्वाइकल स्क्रीनिंग पर लौट सकते हैं।

अगर फ़ॉलो-अप के दौरान आपकी रिपोर्ट असामान्य है, तो शेड्यूल को उसके हिसाब से एडजस्ट किया जाएगा।

किसी भी पूछताछ के लिए, कृपया हमारे मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ़ से संपर्क करें।