हाई ग्रेड स्क्वैमस इंट्राएपिथेलियल लेसियन (HSIL)

(कंटेंट संशोधित 07/2024)

यदि सर्वाइकल स्क्रीनिंग टेस्ट में हाई ग्रेड स्क्वैमस इंट्राएपिथेलियल लेसियन दिखाई देता है, तो इसका मतलब है कि सेल में मध्यम या गंभीर स्तर पर बदलाव हो रहा है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो प्रत्येक 100 महिलाओं में से 1 से 2 को सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। सटीक निदान के लिए, इन महिलाओं को कोलपोस्कोपिक जांच की ज़रुरत होती है, जिसके दौरान आगे के टेस्ट के लिए ऊतक बायोप्सी ली जाएगी, जिसके अनुसार उपचार की सलाह दी जा सकती है। नियमित अनुवर्ती सर्वाइकल टेस्ट के साथ सफ़ल उपचार से सर्वाइकल कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है।

आम तौर पर, सर्वाइकल कैंसर का बढ़ना एक बहुत लंबी प्रक्रिया है। सर्वाइकल सेल्स धीरे-धीरे सामान्य से असामान्य तक कई बदलावों से गुज़रती हैं, जो हल्के से मध्यम, फ़िर गंभीर और आखिर में सर्वाइकल कैंसर में बदल जाती हैं। हालांकि ये बदलाव समय के साथ बदतर हो सकते हैं, लेकिन ये अपने आप ही सामान्य भी हो सकते हैं। आम तौर पर, कैंसर के गंभीर रूप से बिगड़ने में 5 से 10 साल तक का समय लग सकता है।

इलाज

डॉक्टर योनि में एक स्पेकुलम डालेंगे, योनि और सर्विक्स को स्पेशल औषधीय सॉल्यूशन से रंगेंगे और फ़िर किसी भी असामान्य घाव की पहचान करने के लिए कोलपोस्कोप का इस्तेमाल करेंगे। यदि कोई असामान्य घाव पाया जाता है, तो डॉक्टर एक उपकरण का इस्तेमाल करके टिश्यु का एक छोटा-सा टुकड़ा निकालेंगे और उसे आगे की जांच के लिए लैब में भेज देंगे।

यदि कोई आक्रामक कैंसर नहीं है, तो इलाज सर्विक्स तक ही सीमित रहेगा। इलाज के विकल्पों में घाव को काटना या नष्ट करना शामिल है। लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सीशन प्रक्रिया और लेज़र थेरेपी आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले तरीके हैं। ऑपरेशन में लगभग 30 मिनट का समय लगता है और इसे लोकल एनेस्थीसिया के तहत जनरल ट्रीटमेंट रूम में किया जा सकता है।