"प्री-डायबिटीज" क्या है?
यदि रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक है लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचा है, तो इसे "प्री-डायबिटीज" कहा जाता है।
इसमें शामिल है:
- डायबिटीज पूर्व स्थिति:
भूखे पेट रक्त में ग्लूकोज 5.6-6.9 एमएमओएल/एल
- डायबिटीज पूर्व ग्लूकोज सहनशीलता:
खाने के 2-घंटे बाद रक्त में ग्लूकोज
7.8-11.0 एमएमओएल/एल
खाने और व्यायाम की आदतों में पर्याप्त सुधार के बिना, प्री-डायबिटीज वाले अधिकांश लोग अगले दस वर्षों में टाइप 2 मधुमेह की तरफ चले जाएंगे।
जोखिम कारक
- अधिक वजन या मोटा होने के कारण, विशेष रूप से शरीर के मध्य में मोटापा वाले लोग
- निष्क्रिय जीवनशैली अपनाना
- टाइप 2 डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास
(प्रथम श्रेणी के रिश्तेदार, जैसे माता-पिता और भाई-बहन) - बढ़ती उम्र, खासकर 45 साल से अधिक उम्र का
- गर्भावस्था में डायबिटीज का इतिहास, या बच्चे को जन्म> 4 किलो
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम का इतिहास
लक्षण
प्री-डायबिटीज वाले अधिकांश लोगों में ऐसे स्पष्ट लक्षण नहीं दिखेंगे, रक्त की जांच करने पर ही बीमारी का् पता चलता है।
इसलिए, जोखिम कारकों या प्री-डायबिटीज के इतिहास वाले लोगों को अपने चिकित्सक की सलाह का पालन करना चाहिए और नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज जांच से गुजरना चाहिए।
लक्षणों की अनुपस्थिति में भी, रक्त ग्लूकोज का लगातार बढ़ा स्तर छोटी रक्त वाहिकाओं को धीरे-धीरे खराब कर सकता है, जिससे रेटिनोपैथी और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
रक्त में शुगर की मात्रा लगातार बढ़ी होने के कारण जटिलताएं
- इस्किमिक हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, किडनी में खराबी, रेटिनोपैथी, आदि
- गंभीर मामलों में यह देखने में दिक्कत, स्ट्रोक,त्वचा में पुराना फोड़ा, मांस का गलना और विच्छेदन जैसे नुकसान का कारण बन सकता है।
अगर मेरा प्री-डायबिटीज का इलाज हुआ है, तो मुझे क्या करना चाहिए?
वजन घटाने के साथ ज्यादा व्यायाम करने और बेहतर खान-पान से संभावना है कि रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य हो सकता है।
प्री-डायबिटीज वाले लोगों को भी रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल/लिपिड का स्तर अच्छी तरह से नियंत्रित करना चाहिए, और कार्डियोवैस्कुलर (जैसे इस्किमिक हृदय रोग, स्ट्रोक) बीमारी का जोखिम कम करने के लिए धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना चाहिए।
- शरीर का वजन बेहतर बनाए रखना
वजन की स्थिति: क्या करें: अधिक वजन या शरीर के मध्य में मोटापा वजन कम करें सामान्य सीमाओं के भीतर अधिक व्यायाम करें और खान-पान की आदतें सुधारें अध्ययनों से पता चला है कि वजन घटाना डायबिटीज के खतरे को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका है। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए, शरीर के वजन का 5-10% कम होना टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत को भी रोक सकता है।अधिक व्यायाम और खान-पान की आदतों में सुधार करके जीवनशैली में बदलाव सफलतापूर्वक वजन घटाने की कुंजी है।
- अधिक व्यायाम
लंबी अवधि तक निष्क्रिय रहने से बचें, जैसे लंबे समय तक बैठे रहना।
सप्ताह में न्यूनतम पांच बार कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्र गति से शारीरिक गतिविधियों (जैसे तेज चलना) का लक्ष्य तय करें। - अपने आहार में सुधार
यहां स्वस्थ खान-पान के 10 टिप्स दिए गए हैं, जिन पर आप ध्यान दे सकते हैं:
- उपयुक्त भागों में नियमित भोजन और स्नैक्स लें
- रोजाना नाश्ता, दोपहर का खाना और रात के खाने को आदत बनाएं। नियमित भोजन होने से आपको अपने आहार पर नियंत्रण और खाद्य पदार्थ चुनने में मदद मिलती है। यह भूख के कारण अत्यधिक भोजन करने से भी बचाता है।
- आप जरूरत पड़ने पर दिन और रात के खाने के बीच स्नैक्स में कम वसा (बिना तला हुआ) और कम चीनी वाला भोजन चुन सकते हैं।
- प्रत्येक भोजन में उच्च फाइबर और कम वसा वाला अनाज लें
- अनाज (और उसके उत्पादों) को चुनें जो फाइबर में उच्च और वसा में कम होते हैं, जैसे लाल चावल, भूरे चावल, आटे से बनी ब्रेड, स्पैगेटी, बिना तला हुआ नूडल्स, कम चीनी वाले नाश्ते के अनाज आदि।
- खूब तले या तेज-तले हुए विकल्पों से बचें, जैसे तला हुआ चावल, ई-फू नूडल्स, सॉस में पकाया चावल। चावल या पास्ता व्यंजन में ग्रेवी/सॉस मिलाने से बचें।
- स्वस्थ हृदय के लिए कम संतृप्त वसा और ट्रांस वसा कम लें
- जंतु वसा कम करें (जो संतृप्त वसा में उच्च है)। जंतु वसा, त्वचा को घटाएं और अंग मांस से बचें।
- कम वसा वाला खाना पकाने के तरीकों का प्रयोग करें, उदाहरण के लिए स्टीमिंग, शोरबा में मिलाकर परोसना, भुनना या पकाना इत्यादि। खूब तला हुआ, तेज-तला हुआ, तेल में पकाने और होट पोट से बचें।
- कैनोला, मूंगफली और जैतून जैसे उच्च असंतृप्त फैटी एसिड वाले तेल में खाना पकाने का प्रयास करें।
- कम वसा या गैर वसा/बिना चिकनाई वाले दूध उत्पादों का चयन करें।
- क्रॉइसेंट्स, अंडे टैट्स, चिकन पाई और बिस्कुट (जैसे कुकीज, क्रीम वाले बिस्कुट) जैसे उच्च वसा पेस्ट्री को सीमित करें। इन्हें हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल या मार्जरीन से बनाया जाता है, जिसमें ट्रांस वसा होता है और जिसका हृदय के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों का चयन करते समय सामग्री सूची पढ़ें। 'हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल' या 'मार्जरीन' से बने उत्पादों को चुनने से बचें।
- अधिक सब्जियां और फल चुनें
- प्रत्येक दिन फलों के 2 और सब्जियों की कम से कम 3 सर्विंग्स को खाने का हिस्सा बनाने का लक्ष्य रखें।
- फल की एक सर्विंग : 1 छोटी नारंगी/ 1 उंगली जितना केला।
- सब्जियों की एक सर्विंग:
1 कटोरी (1 कटोरी= 250-300मिलीग्राम) कच्ची सब्जियां या
½ कोटरी पकी हुई सब्जियां, मशरूम या स्कवैश।
- पूरे फल खाएं और फलों का रस पीने से बचें।
- एक बार में अत्यधिक फल खाने (1 से अधिक सर्विंग) से बचें। यह आपके रक्त ग्लूकोज नियंत्रण को प्रभावित करेगा।
- प्रत्येक दिन फलों के 2 और सब्जियों की कम से कम 3 सर्विंग्स को खाने का हिस्सा बनाने का लक्ष्य रखें।
- अधिक सूखेी सेम/फलियां चुनें क्योंकि इनमें उच्च फाइबर हैं
- दाल, लाल किडनी सेम, छोले, सोयाबीन, अडजुकी सेम, मूंग सेम, बड़ी सेम और काले सेम आदि जैसी सूखे सेम, वसा में कम और प्रोटीन और फाइबर से परिपूर्ण होती हैं। आप अपनी खुराक में मांस के बदले कुछ सेम शामिल कर सकते हैं।
- सूखे सेम के हिस्से को देखें क्योंकि उनमें कार्बोहाइड्रेट होता है। अत्यधिक खाना आपके रक्त ग्लूकोज स्तर को प्रभावित कर सकता है और वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
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- पकाई गई सूखी सेम के 4 बड़े चम्मच कार्बोहाइड्रेट के 1 एक्सचेंज (पके हुए चावल के 1 चम्मच की कार्बोहाइड्रेट मात्रा) के बराबर होते हैं।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड से परिपूर्ण मछली चुनें
- सप्ताह में दो बार मछली लें। आप ओमेगा -3 फैटी एसिड से परिपूर्ण मछली चुन सकते हैं, जैसे सैलमॉन, चब मैकेरल, सार्डिन, पैसिफ़िक सॉरी, येलो क्रॉकर और पोम्फ्रेट इत्यादि।
- मछली (विशेष रूप से तेल वाली) में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है, जो आपके हृदय और रक्त के लिए अच्छा होता है।
- मछली को भाप में पकाते या तलते समय कम तेल डालें।
- मछली को मांस का विकल्प माना जाता है। मछली का एक टाल, मांस के एक टाल के बराबर होता है (लगभग एक पिंग-पोंग बॉल आकार)। एक वयस्क महिला को आम तौर पर एक दिन में मांस के 5-6 टाल (या इसके विकल्प) की आवश्यकता होती है। अधिक मात्रा में मछली का सेवन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।
- सप्ताह में दो बार मछली लें। आप ओमेगा -3 फैटी एसिड से परिपूर्ण मछली चुन सकते हैं, जैसे सैलमॉन, चब मैकेरल, सार्डिन, पैसिफ़िक सॉरी, येलो क्रॉकर और पोम्फ्रेट इत्यादि।
- कम चीनी (या अतिरिक्त चीनी) लें
- अतिरिक्त चीनी वाले उत्पादों से बचें (जैसे चीना वाले पेय, केक और मिठाई सूप)
- मुक्त चीनी (खाद्य पदार्थ में मिलाई गई चीनी और शहद, सिरप और फलों के रस में मिलाई गई चीनी समेत) आपके रक्त ग्लूकोज स्तर को बढ़ा सकते हैं। वे ऊर्जा भी प्रदान करते हैं! यदि आप चीनी अधिक खाते हैं तो आपका वजन बढ़ने का खतरा होगा।
- बाहर खाने के दौरान 'चीनी नहीं' या 'अलग से सिरप परोसा जाना' विकल्प का चयन करें।
- पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों के पोषण लेबल को पढ़ें। भोजन की कुल कार्बोहाइड्रेट मात्रा देखें।
- यदि 'कम चीनी', 'चीनी मुक्त' या 'कृत्रिम रूप से मीठा' होने का दावा है तो भी अधिक मात्रा में न खाएं। बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट खाने से आपके रक्त ग्लूकोज स्तर में वृद्धि होगी। पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थ कम चीनी होने का दावा कर सकते हैं, जब 100 ग्राम ठोस भोजन (या 100 मिलीलीटर तरल भोजन) में 5 ग्राम से अधिक चीनी नहीं हो।
- अतिरिक्त चीनी वाले उत्पादों से बचें (जैसे चीना वाले पेय, केक और मिठाई सूप)
- कम नमक (और सोडियम) लें
- अपने नमक का सेवन प्रतिदिन 5 ग्राम से कम (यानी प्रतिदिन 2000 मिलीग्राम सोडियम से कम) पर रखें। अत्यधिक सोडियम सेवन आपके रक्तचाप को बढ़ाएगा और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के आपके जोखिम को बढ़ा देगा।
- संरक्षित खाद्य पदार्थ (उदाहरण के लिए, संरक्षित हरा सरसों, नमकीन मछली) और तैयार किए गए सॉस (जैसे करी सॉस, चू-हौ सॉस, लाल फर्मेंटेड बीनकर्ड, फर्मेंटेड बीनकर्ड, सफेद सॉस, सोया सॉस, मछली सॉस) का उपयोग घटाएं।
- बाहर खाने के दौरान खाद्य पदार्थों के साथ शोरबा मिलाने से बचें।
- अदरक, वसंत प्याज, लहसुन, काली मिर्च, टमाटर, प्याज, नींबू घास, तुलसी, दौनी, आदि जैसे प्राकृितक मसालों का प्रयोग करें।
- पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों और इसकी सोडियम सामग्री के लेबल को पढ़ें। वे 'कम सोडियम' होने का दावा कर सकते हैं जब उनमें प्रति 100 ग्राम में 120 मिलीग्राम से अधिक सोडियम नहीं होता है (या 'उच्च सोडियम' होता है जब प्रति 100 ग्राम में 600 मिलीग्राम से अधिक सोडियम होता है)।
- जहां तक संभव हो शराब का सेवन सीमित करें
- शराब में ऊर्जा होती है। अक्सर पीने से मोटापा हो सकता है और आपके रक्त ग्लूकोज नियंत्रण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- शराब कैंसर का कारक तत्व है। यदि आप बिल्कुल नहीं पीते हैं, तो अपने स्वास्थ्य में सुधार के इरादे से पीना शुरू न करें।
- शराब में ऊर्जा होती है। अक्सर पीने से मोटापा हो सकता है और आपके रक्त ग्लूकोज नियंत्रण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
- 'डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त' जैसे बिकने वाले उत्पादों पर भरोसा न करें
- 'डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त', उदाहरण के लिए 'डायबिटीज रोगियों के लिए चॉकलेट', 'डायबिटीज रोगियों के लिए अनाज बार' या 'रक्त ग्लूकोज से संबंधित लोगों के लिए उपयुक्त दूध पाउडर' के रूप में बेचे जाने वाले उत्पाद, वास्तव में इन उत्पादों में चीनी कम नहीं होती है; कुछ में वसा भी उच्च हो सकता है। कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि ये उत्पाद डायबिटीज को रोक या प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं।
यदि आप स्वस्थ खाने, शारीरिक गतिविधियों, शराब और स्वासथ्य के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो << स्वास्थ्य के लिए बदलें >> वेबसाइट पर जाएं: http://www.change4health.gov.hk
- 'डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त', उदाहरण के लिए 'डायबिटीज रोगियों के लिए चॉकलेट', 'डायबिटीज रोगियों के लिए अनाज बार' या 'रक्त ग्लूकोज से संबंधित लोगों के लिए उपयुक्त दूध पाउडर' के रूप में बेचे जाने वाले उत्पाद, वास्तव में इन उत्पादों में चीनी कम नहीं होती है; कुछ में वसा भी उच्च हो सकता है। कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि ये उत्पाद डायबिटीज को रोक या प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकते हैं।
- उपयुक्त भागों में नियमित भोजन और स्नैक्स लें